मेरठ | मेडिकल कॉलेज कर्मचारियों की एक और शर्मनाक हरकत सामने आई है | परिजनों का आरोप है कि सीसीएसयू के इतिहास विभाग में सहायक अध्यापक डॉ. पवन कुमार की कोरोना से मौत के बाद उनके शव से जेवरात निकाल लिए गए।
परिजनों का कहना है डॉ. पवन कुमार की मौत ठीक से इलाज न मिलने के चलते हुई है। तेजगढ़ी मंदिर वाली गली में स्थित निवास पर उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां तीमारदारों ने ही वेंटिलेटर उपलब्ध कराया। बुधवार शाम डॉक्टरों ने प्रोटोकॉल का हवाला दिया और जबरन उनको मेडिकल में रेफर करा दिया। इससे उनकी हालत और बिगड़ गई। रात में करीब ढाई बजे पवन ने मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। गुरुवार को सुबह मौत की जानकारी हुई।
इसके बाद गुरुवार दोपहर में सूरजकुंड श्मशान घाट पर परिवार के लोगों ने पवन का अंतिम संस्कार किया। तभी पता चला कि पवन के गले से सोने की चेन और सोने की अंगूठी गायब थी। इसकी शिकायत पवन के परिजनों ने पुलिस से की। पवन के ससुर प्रताप सिंह ने बताया है कि उनके दामाद का ऑक्सीजन लेवल कम हो गया था। निजी अस्पताल में उनकी हालत में सुधार था, तभी उन्होंने मेडिकल में जबरन रेफर कर दिया। निजी अस्पताल की लापरवाही से मौत हुई और मेडिकल में लूट कर ली।
सीओ सदर देहात पूनम सिरोही का कहना है कि लिखित में थाने में अभी कोई शिकायती पत्र नहीं मिला है। जांच के बाद कार्रवाई करेंगे।