बुलंदशहर : हृदय रोग में भी आयुर्वेदिक चिकित्सा सफल

Ayurvedic medicine
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बुलंदशहर । जिला प्रदर्शनी के रविंद्र नाट्य शाला में शनिवार को हृदय रोग पर आयुर्वेद का एक राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया गया सेमिनार का उद्घाटन बुलंदशहर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष निशा अनंत, नरेंद्र कुमार भारद्वाज भूतपूर्व आईजी सीआरपीएफ एवं कार्यक्रम संयोजक पंचकर्म एवं क्षारसूत्र चिकित्सा विशेषज्ञ वैद्य हितेश कुमार कौशिक ने दीप प्रज्वलित करके किया । इस दौरान खुर्जा आयुर्वेद कॉलेज के विद्यार्थियों ने अश्विनी सूक्त का पारायण किया इसके पश्चात अतिथियों ने दवा कंपनियों के स्थल का निरीक्षण किया ।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉक्टर रोहित साने ने आयुर्वेद के चिकित्सा में विभिन्न प्रकार के पैरामीटर को प्रयोग करने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि ह्रदय रोग आयुर्वेद से केवल रोके ही नहीं जाते बल्कि ठीक हो जाते हैं। बहुत सारी औषधियों के बारे में उन्होंने बताया कि यह जो रासायनिक बदलाव ह्रदय में आते हैं। उन को ठीक करने में आयुर्वेद दवाइयां बहुत कारगर पंचकर्म चिकित्सा विशेषज्ञ हितेश कुमार कौशिक ने बताया कि कन्जेस्टिव हार्ट डिजीज में आयुर्वेद चिकित्सा अत्यंत सफल है उन्होंने बताया कि अगर हम अपनी जीवन शैली को सही प्रकार से रखते हैं तो हमें हृदय रोग होने की संभावना बहुत कम हो जाती है।

डॉक्टर अंकुर अग्रवाल जी ने बताया कि हमारे प्राकृतिक वर्गों को रोकने से हृदय की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है । डॉ भूपेश अग्रवाल जी ने रोगों की रोकथाम के बारे में विभिन्न प्रकार के पहलुओं पर चर्चा की बागपत से आए डॉ विनय चौधरी जी ने कार्डियक मायोपैथी के केस के बारे में विस्तार पूर्वक पेपर प्रस्तुत किए विश्व आयुर्वेद परिषद के अध्यक्ष डॉ सुरेंद्र चौधरी जीना आज के समय में आयुर्वेद चिकित्सा को ज्यादा से ज्यादा कैसे प्रैक्टिस में लाया जाए।

इस विषय पर व्याख्यान दिया जोधपुर आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के भूतपूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर बनवारी लाल गौड़ ने बताया कि आयुर्वेद संहिता में हृदय रोग के बारे में विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है । उन्होंने बताया कि पहले संस्कृत में ग्रंथ लिखे जाते थे परंतु इसका अर्थ यह नहीं कि उनमें हृदय रोग के बारे में कोई जानकारी नहीं होती थी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री नरेंद्र कुमार भारद्वाज जी ने बताया कि आज कल होने वाले मृत्यु दर में 10% मृत्यु दर हृदय रोग के कारण है अतः हमें इसका ध्यान रखना चाहिए।

बुलंदशहर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष निशांत जी ने कहा आधुनिक चिकित्सा में तमाम प्रकार के दुष्प्रभाव हैं, उस से बचते हुए हमें आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को अपनाने चाहिए। इसमें कोई दुष्प्रभाव नहीं होता तथा यह स्वस्थ मनुष्य को स्वस्थ रखने में मददगार है । दूसरे सत्र का उद्घाटन अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व श्री विवेक कुमार मिश्रा जी ने किया । उन्होंने कहा की कोरोना के समय में हमने आयुर्वेद के महत्व को अच्छे प्रकार से जान लिया है, अब अगर हर इंसान नहीं तो कम से कम हर घर में आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति का उपयोग होने लगा है।

कार्यक्रम अध्यक्ष वैद्य गोपाल दत्त शर्मा जी ने आयुर्वेद की अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने पर बल दिया । मंच संचालन डॉक्टर देवांशी अग्रवाल ने किया । कार्यक्रम के पश्चात अंत में देश के विभिन्न प्रदेशों एवं प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए हुए आयुर्वेद चिकित्सकों को सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में झंडू, डाबर, एस.जी.फाइटोफार्मा एसकेएम आयुर्वेद एंड सिद्धा, RS440 , कबीर फार्मेसी, एवं मुद्गल आयुर्वेद भवन के स्टाल लगे तथा अंत में कार्यक्रम संयोजक वैद्य हितेश कौशिक जी ने सभी का आभार व्यक्त किया ।

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