इसकी खेती के लिए आपको किसी बड़े खेत की जरूरत नहीं है। इसके लिए खाद या फिर किसी भी मेहनत की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए आपको सुबह और शाम को अपने केवल आधे घंटे देने है। इसके बाद आप कम लागत में लाखों का मुनाफा कमा सकते है। इसकी बाजार में डिमांड भी अधिक है और इसे लोग हाथोहाथ खरीद लेते हैं। तो आइए हम आपको बताते हैं इसकी खेती के बारे मे।
इसके बारे में जानने से पहले आपको मिलवा दें सहारनपुर के एक किसान विनोद प्रजापति से। विनोद इसकी खेती सहारनपुर में ही कर रहे है। वह बताते हैं कि उन्होंने इसे मात्र 10 बाई 10 की जगह में शुरू किया था। इस पर लागत भी कम आती है और फायदा लागत के हिसाब से करीब चार गुना है। मतलब आप एक लाख रुपये लगाते हैं तो चार लाख तक फायदा होता है।
जी हां हम बात कर रहे हैं पर्ल फार्मिग की। आप तो जानते हैं कि बाजार में आज भी मोतियो की काफी डिमांड है।
सहारनपुर जनपद के सड़क दूधली निवासी विनोद प्रजापति ने अपना पुश्तैनी धंधा बर्तन बनाना छोड़कर पर्ल फार्मिंग शुरू की। जिससे वे बढ़िया मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने हरियाणा के अंबाला, राजस्थान के सीकर और ओडिसा के भुवनेश्वर से प्रशिक्षण प्राप्त कर पर्ल फार्मिंग शुरू की है। इससे वे एक बार मोतियों का उत्पादन ले चुके हैं।
कैसे शुरू करें खेती
विनोद प्रजापति बताते हैं कि उन्हें यू.ट्यूब पर वीडियो देखकर मोती की खेती करने की प्रेरणा मिली। उन्होंने कई पर्ल फॉर्मर के यहां जाकर मोती उत्पादन की तकनीक का प्रशिक्षण लिया। इसके बाद वर्ष 2019 में दस गुणा दस वर्ग फीट के दो पक्के हौजों का निर्माण कर पर्ल फार्मिंग शुरू की। इसके बाद उन्होंने गुजरात के सूरत से 2200 सीप लाकर उनका पालन शुरू किया। इस काम को शुरू करने में उनकी करीब 1.25 लाख रुपये की लागत आई। इस सीपों में से उनकी करीब 35 प्रतिशत बीच में ही मर गईं। इसके अलावा कुछ मोती अधोमानक रह गए। उच्चगुणवत्ता युक्त करीब 2500 मोती उन्हें प्राप्त हुए। सूरत के मोती बाजार में गुणवत्ता के आधार पर 180 से 300 रुपये प्रति मोती के हिसाब से बेचकर उन्होंने करीब चार लाख रुपये कमाए।
पर्ल फार्मिंग में ऐसे होते हैं मोती तैयार
मोती की खेती शुरू करने के लिए पहले सीपों को लाकर पानी से भरे एक हौज में डाला जाता है। जिससे वे यहां के वातावरण के अनुकूल हो जाएं। इसके 10 से 15 दिनों के बाद सीप सर्जरी के लिए तैयार हो जाती हैं। एक सीप में सर्जरी करके दोनों तरफ एक.एक न्यूकिलियस डाला जाता है। सीप द्वारा कैल्सियम कॉरबोनेट पदार्थ न्यूकिलियस के आकार का मोती उनके अंदर तैयार हो जाता है। इस मोती के तैयार होने में 12 से 18 महीने का समय लगता है।
डिजायनर मोती कर रहे तैयार
सीप के अंदर विभिन्न प्रकार के न्यूकिलियस ;आकृतिद्ध डालकर डिजायनर मोती तैयार किए जा रहे हैं। इनमें श्रीकृष्ण, ओम, साईं, हनुमान, स्वास्तिक, 786, दिल के आकार, सिक्के के आकार, अंडाकार राम दरबार और विभिन्न अक्षरों और संख्या के मोती शामिल हैं, जबकि साधारण प्रकार के मोती को तैयार करने के लिए भी सीप के अंदर न्यूकिलियस प्लांट किया जाता है। न्यूकिलियस को सीप के पाउडर से और डेंटल पाउडर से तैयार किया जाता है।