पांडवकालीन लाक्षागृह पर गए थे रोजा इफ्तार करने, पहुंच गए जेल

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बागपत। दुल्हेंडी के पर्व पर समुदाय विशेष के सात युवकों ने बरनावा में महाभारत कालीन ऐतिहासिक लाक्षागृह के टीले पर पहुचकर रोजा इफ्तार किया। हिंदू समाज के लोगों ने उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत पहुचाने व धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की कौशिक करने की पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुचकर सभी को गिरफ्तार कर लिया।

बरनावा में कृष्णा व हिंडन नदी के संगम पर स्थित महाभारत कालीन ऐतिहासिक टीले लाक्षागृह को शेख बदरुद्दीन की दरगाह व कब्रिस्तान बताने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका को कोर्ट ने 5 फरवरी को खारिज कर दिया था। हिंदू पक्ष को मालिकाना हक दे दिया। सुरक्षा को लेकर तभी से लाक्षागृह के मुख्य द्वार से लेकर टीले पर, ऐतिहासिक गुफा, संस्कृत विद्यालय परिसर में सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस फोर्स तैनात है। मामले को लेकर अपर कोर्ट ने हिंदू पक्ष ने केवियट डाली और मुस्लिम पक्ष ने भी कोर्ट के फैसले को चुनोती देकर अपील डाली।

मंगलवार को दुल्हेंडी के पर्व पर शाम को सिर पर टोपी लगाए मुस्लिम समाज के सात युवक तीन बाइकों पर सवार होकर लाक्षागृह पर पहुचे। जहॉ उन्होंने लाक्षागृह की यज्ञशाला पर रोजा इफ्तार करने लगे। लाक्षाग्रह मुकदमे के पैरोकार विजयपाल पुत्र मुरारी, आशीष शर्मा पुत्र हरेंद्र शर्मा, मूलचंद पुत्र स्वर्गीय कालेराम ने उनसे यहॉ आने का कारण पूछा ओर उन्हें ऐसा करने से रोका तो उन्होंने उक्त स्थान को अपना धार्मिक स्थान बताया और उनके साथ बहस करने लगे।

हिंदू समाज के लोगों ने उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत पहुचाने ओर उनके द्वारा धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने की पुलिस को सूचना दे दी। सूचना पर पहुची थाना पुलिस ने सभी युवकों को गिरफ्तार कर थाने लेकर आई। इंस्पेक्टर एमपी सिंह ने बताया कि राशिद पुत्र सम्मन, साकिर, शाहिल पुत्रगण नफीश, शारुख, महताब पुत्रगण इकबाल निवासी जौहड़ी, फरीद पुत्र सलीम निवासी टीकरी, नदीम पुत्र इंतजार निवासी कांधला के विरुद्ध 153A, 295A 34 की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। इन सभी के सात मोबाईल व तीन बाईक भी कब्जे में ले ली गयी है।

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