कोरिया और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए कोरियाई बौद्धों की भारत यात्रा

Korean Buddhists visit India
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नयी दिल्ली। दक्षिण कोरिया और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ करने की एक अनूठी पहल के तहत कोरिया के 108 बौद्ध श्रद्धालुओं का एक दल उत्तर प्रदेश और बिहार में बौद्ध तीर्थ स्थलों का नौ फरवरी से पदयात्रा करेगा।

भारत और दक्षिण कोरिया के बीच राजनयिक संबंध की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर वाराणसी से शुरू होने वाली इस पद यात्रा में यह कोरियाई दल करीब डेढ़ महीने डगर-डगर और नगर-नगर का चलकर भारत की संस्कृति के सप्तरंगी आयामों और विविध परम्पराओं से रूबरू होगा। इस दौरान यह दल नेपाल स्थित बौद्ध तीर्थ स्थलों का भी दर्शन करेगा।

सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्रा और कोरिया के भारत में राजदूत चांग जेई बॉक ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा,“ बौद्ध श्रद्धालुओं का यह दल नौ फरवरी से वाराणसी से अपनी पद यात्रा शुरू करेगा और 23 मार्च को पूरी करेगा।” उन्होंने बताया कि ये तीर्थ यात्री 43 दिन की यात्रा में 1130 किलोमीटर की दूरी तय करेगें।

उन्होंने कहा, “भारत और कोरिया के राजनयिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने के इस मौके पर श्रद्धालुओं का इस यात्रा के लिए स्वागत है और उन्हें पूरा सहयोग और समर्थन दिया जायेगा। ” उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान यह दल गांवों, कस्बों और शहरों में ठहरेगा जिससे उनका वहां के लोगों से सीधा संपर्क होगा। कोरियाई बौद्ध श्रद्धालुओं की मदद के लिए करीब 1000 लोग साथ में रहेंगे।

श्री चंद्रा ने बताया कि इस यात्रा के लिए केन्द्र सरकार की ओर से सूचना एवं प्रसारण, विदेश, संस्कृति, पर्यटन और गृह मंत्रालय पूरा सहयोग उपलब्ध करा रहा है। इस यात्रा के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार सरकारों के सहयोग की महती आवश्यकता होगी और ये सरकारें हर तरह का समर्थन देंगी और सहयोग प्रदान करेंगी।

श्री बॉक ने बताया कि कोरिया की आबादी का लगभग पांचवा हिस्सा बौद्ध धर्मावलंबी है और भारत को वे अपना आध्यात्मिक घर मानते हैं। कोरिया के बौद्ध श्रद्धालुओं का यह इस तरह का पहला भ्रमण है। इस यात्रा से दोनों देशों के संबंध और प्रगाढ़ होंगे। एक-दूसरे को दोनों देशों की संस्कृति को समझने का अवसर मिलेगा।

श्री चंद्रा ने कहा कि भारत और कोरिया के सांस्कृतिक और व्यावसायिक संबंध बहुत प्रगाढ़ हैं, इस यात्रा से ये संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के प्रचार-प्रसार से नेपाल, चीन और अन्य बौद्ध धर्मावलंबी देशों से श्रद्धालु भारत आने को प्रेरित होंगे। इससे देश में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी ने इस मौके पर कहा कि दूरदर्शन और रेडियाे पर इस यात्रा का व्यापक प्रसारण किया जायेगा जिससे अधिकाधिक लोग कोरियाई श्रद्धालुओं के बारे में जानकारी कर सकेंगे। इससे दर्शकों-श्रोताओं को सुखद अनुभूति होगी।

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