बारिश का कहर जारी, कई मकार गिरे, महिला की मौत, कई घायल

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सहारनपुर। प्रदेश में बारिश का कहर जारी है। बुधवार को भी कई जगहों पर जोरदार बारिश हुई। गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से उपर पहुंचा। जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली स्थिति काफी खतरनाक हो गई है। कई मकान गिर गए। घरों में पानी भर गया है। लोग दहशत के साए में जी रहे हैं। एक महिला की मौत हो गई है और सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं।

नागल में कमरे की कच्ची छत गिरने से मलबे में दबकर गंभीर रुप से घायल हुई महिला को उपचार के लिए हायर सेंटर ले जाया गया। जहां उसे मृत घो​षित कर दिया गया। नागल के गांव कोटा में बुधवार की सुबह दस बजे सरला देवी 55 पत्नी राम कुमार खाना बनाने के लिए उपले लेने को कच्ची छत वाले कमरे में गई थी।

इसी दौरान भारी बारिश के चलते छत भरभरा कर नीचे गिर गई। शोर होने पर पडौसी दौड़ कर मौके पर पहुंचे। मलबा हटा कर गंभीर रुप से घायल सरला देवी को अस्पताल ले गए जहां उसे मृत घो​षित कर दिया गया। इंस्पेक्टर प्रवेश कुमार ने बताया कि सरला देवी अपने इकलौते बेटे लोकेश के साथ घर पर रहती थी। लोकेश गंगाजल लेने हरिद्वार गया हुआ है। परिजन उसे लेने के लिए रवाना हो गए हैं। परिजनाें का कहना है कि वे कोई कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते हैं।

हिंडन नदी उफान पर, घरों में घुसा पानी

बड़गांव। हिंडन नदी के उफान पर आने के कारण नदी किनारे बसे शिमलाना गांव में निचली आबादी के कई घरों में पानी भर गया है। वहीं कईं लोगों के घरों के भीतर पानी है, जिससे उनका घरेलू सामान खराब हो गया है। ग्रामीण अपने घरों से पलायन कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं। नदी में ज्यादा पानी आने से ग्रामीणों ने कई घरों को खाली कर दिया है। जो दूसरे के घरों में आशियाना बनाये हुए है।

कई घरों में भारी जलभराव के कारण लगातार नदी का जल स्तर बढ़ता देख मंगलवार की रात ही निकल गए थे। ग्राम प्रधान काका राणा का कहना है कि घरों में नदी का पानी भरने से कुछ लोगों का घरेलू सामान दूसरी जगह शिफ्ट कराया गया है। उन्होंने बताया कि गांव की नदी क्षेत्र में हजारों बीघा गन्ने की फसल बर्बाद हो चुकी है। नदी किनारे बना गांव का श्मशान घाट भी पूरी तरह से जल मग्न है।

यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 72 सेंटीमीटर अधिक
शामली। मंगलवार रात यमुना का जलस्तर समुद्र तल से 232 मीटर की ऊंचाई पर बह रहा था। वहीं बुधवार सुबह यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी हो गई। बुधवार सुबह 10:00 बजे यमुना का जलस्तर समुद्र तल से 232,22 मीटर पर उछाले मार रहा है।
पहाड़ी और मैदानी इलाकों में लगातार चल रही बारिश के चलते हथिनी कुंड बैराज से यमुना में लगातार लाखों क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है।

मंगलवार सुबह हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में 3.2 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया था। इसके अलावा मैदानी इलाकों की बारिश का पानी भी छोटे नदी नालों द्वारा यमुना नदी के पानी में मिल रहा था। बुधवार सुबह 10:00 बजे यमुना नदी का जलस्तर 22 सेंटीमीटर और अधिक बढ़ गया।

बुधवार सुबह 10:00 बजे यमुना का जलस्तर समुद्र तल से 232.22 मीटर की ऊंचाई पर बह रहा है। जबकि यमुना का खतरे का निशान 231.5 मीटर पर है। यमुना में बाढ़ की स्थिति होने पर सैकड़ों किसानों की हजारों बीघा फसलों में बाढ़ का पानी भर गया। उधर बुधवार सुबह 7:00 हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में 190837, सुबह 9 बजे 153768 और 10 बजे 142025 क्यूसेक पानी प्रति सेकंड डिस्चार्ज किया जा रहा था। उधर केंद्रीय जल आयोग ऊपरी यमुना मंडल भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा अभी भी यमुना का जलस्तर बढ़ने की चेतावनी जारी की गई है।

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