
अक्सर यह सवाल पूछा जाता है कि क्या गर्भवती महिलाओं को सांप काटता है। तो जवाब मिलता है कि शायद नहीं। अब यह शायद इसलिए है कि किसी को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। क्योंकि इस विषय पर कभी कोई शोध नहीं किया गया। इसीलिए इस सवाल का जवाब हमेशा नहीं होता है। वैसे भी हम यह कम ही सुनते हैं कि किसी गर्भवती महिला को किसी सांप ने काट लिया है। कहा तो यहां तक जाता है कि काटना तो दूर अगर सांप किसी गर्भवती महिला को देख भी ले तो वह अंधा हो जाता है। अब इसमंे कितनी सच्चाई है यह किसी को भी नहीं पता क्यों कि कभी किसी सांप ने इसकी शिकायत नहीं की। चलिए यह तो मजाक था, लेकिन आज हम इस लेख में इसकी पुष्टि करने की कोशिश करेंगे कि आखिर सांप गर्भवती महिला को क्यों नहीे काटता है। हम आपको ब्रह्मवैवर्त पुराण कि वह कथा भी बताएंगे जो हमेशा सुनाई जाती है और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अलावा आंकड़ों से भी समझाने की कोशिश करेंगे।
तो सबसे पहले उस कथा के बारे में जान लेते हैं जो ब्रह्मवैवर्त पुराण में लिखी गई। यह कथा हम आपको संक्षेप में ही बताएंगे क्यों कि यह कथा आप सभी ने कहीं न कहीं अवश्य सुन रखी होगी। दरअसल इस पुराण के अनुसार एक गर्भवती महिला एक मंदिर में तपस्या कर रही थी। इस बीच वहां सांपों का जोड़ा आ गया, शायद यह नाग नागिन रहे होंगे। इन दोनों सांपों ने महिला को परेशान करना शुरू कर दिया। कई बार महिला की तपस्या भी भंग होते होते रह गई। सांपों के इस कृत्य से महिला बहुत परेशान हो गई। इससे नाराज होकर गर्भस्थ शिशु ने सांपों को श्राप दे दिया कि आज के बाद किसी भी सांप ने यदि गर्भवती महिला को परेशान करना तो दूर उसकी तरफ देख भी लिया तो वह अंधा हो जाएगा। तभी से सांप गर्भवती महिला के आसपास नहीं आते हैं।
अब यहां एक सवाल और उठता है कि सांपों को कैसे पता चलता है कि सामने जो महिला है वह गर्भवती है। इस बारे में वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. राजेंद्र मिश्र कहते हैं कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं। इस दौरान कई तरह से हार्मोन्स का भी सिक्रिएशन होता है। शायद इन्हीं हार्मोन्स की वजह से सांपों को पता चल जाता है कि यह महिला गर्भवती है। हालांकि इसकी कोई पुष्टि नहीं है, लेकिन संभवतः ऐसा होता है।
चलिए कम से कम डॉक्टर इतना तो मानते ही हैं कि हार्माेन्स की गंध की वजह से सांपों को यह पता चल जाता होगा कि सामने गर्भवती महिला है और वह अपना रास्ता बदल देते हैं। अब इसको भी बहुत कारगर वजह नहीं मान सकते हैं क्योकि इस पर कभी कोई शोध नहीं हुआ है। यह मैने पहले ही बता दिया है आपको।
अब एक आंकड़ा भी जान लेते हैं। एक सर्वे के अनुसार दुनिया भर में करीब 25 लाख लोगों को हर साल सांप काटता है, जिसमें करीब एक से डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है। मौतों की यह संख्या सबसे अधिक भारत में है। क्योंकि हमारे यहां लोग सांप काटने के बाद डॉक्टर के यहां जाने की बजाय झाड़ फूंक में अधिक विश्वास करते हैै। अब असली तथ्य यह है कि इन 25 लाख लोगों में एक भी गर्भवती महिला नहीं पाई गई है। चलिए यह इत्तेफाक हो सकता है, लेकिन यह इत्तेफाक एक साल हो सकता है। लगातार दो तीन सालों तक नहीं।
अब यहां आपको एक जानकारी और बता दें कि सांप भी एक जीव है। और कोई भी जीव हो जब उसे लगता है कि उसकी जान पर खतरा है तो अपने बचाव में हमला करने से नहीं चूकता है अब वह चाहे अंधा हो जाए या फिर मर जाए। आखिरकार खुद को बचाना हर प्राणी की पहली प्राथमिकता होती है।