
महा तपस्वी महाश्रमणजी ने एक दिन में 47 किमी का विहार कर दिए शासनमाता को दर्शन
नई दिल्ली। गुरु—शिष्य का रिश्ता बड़ा पवित्र और अनूठा होता है। शिष्य जहां गुरु का दर्शन और आशीर्वाद पाकर कृतार्थ होता है, वहीं शिष्य के […]
नई दिल्ली। गुरु—शिष्य का रिश्ता बड़ा पवित्र और अनूठा होता है। शिष्य जहां गुरु का दर्शन और आशीर्वाद पाकर कृतार्थ होता है, वहीं शिष्य के […]
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