उम्रकैद की सजा काटकर घर पहुंचे व्यक्ति को परिवार ने नहीं स्वीकारा, मनाने में जुटा प्रोबेशन विभाग

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बिजनौर। भले ही सालों तक जुर्म की सजा सलाखों के पीछे काट ली हो, शासन ने समय पूर्व रिहाई को हरी झंडी भी दे दी हो, लेकिन उस कैदी के अपनों ने उस जुर्म के लिए उसे अभी तक माफ नहीं किया। जब शासन की ओर से कैदी के अभिभावक का नाम मांगा गया तो उसके परिवार वालों ने अभिभावक बनने से इनकार कर दिया। ऐसे में अभिभावक के इंतजार में उसकी रिहाई प्रक्रिया अटक गई। अब जिला प्रोबेशन विभाग उसके परिजनों को मनाने में लगा है, वहीं जिला प्रोबेशन अधिकारी को उसका अभिभावक बनाया गया है।


धामपुर थाना क्षेत्र के ग्राम जीतनपुर निवासी केशव सरन उर्फ केशा (55) करीब डेढ़ दशक से बरेली जेल में उम्रकैद काट रहा है। काफी समय से जेल में बंद होने और अन्य मानक पूरे होने के चलते शासन की ओर से उसकी समय पूर्व रिहाई की प्रक्रिया शुरू हुई। जिला प्रोबेशन विभाग की ओर से भी इसकी तैयारी की गई। केशव किस जुर्म में उम्रकैद काट रहा है, विभाग इसका खुलासा तो नहीं कर रहा, लेकिन वह जुर्म गंभीर था। जिसके लिए उसके परिजन भी जेल जाने के बाद उससे दूरी बनाने लगे।

अब जब जेल की ओर से केशव के अभिभावक का नाम मांगा गया तो प्रोबेशन विभाग ने उसके परिजनों से संपर्क साधा। केशव का अभिभावक बनने से परिवार के अधिकांश सदस्यों ने इनकार कर दिया। ऐसे में प्रोबेशन विभाग अब परेशान है कि रिहाई के बाद केशव को कहां भेजा जाए। इसके चलते विभागीय अधिकारी लगातार उसके परिजनों को मनाने में लगे हुए हैं।

परिजनों से चल रही बात : संजय कुमार
जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि यदि परिजनों ने अभिभावक बनने के लिए राजी नहीं हुए तो जिला प्रोबेशन अधिकारी अभिभावक बनकर उसकी रिहाई कराएंगे। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि वह ठीक से रह रहा है या नहीं। केशव के परिजनों से बात चल रही है। अभी तक तो कोई राजी नहीं हुआ, लेकिन कुछ समय में वह मान सकते हैं। इसके बाद उसकी रिहाई की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।

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