नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow Terror News) में पकड़े गए संदिग्ध आतंकवादी यूपी एटीएस (UP ATS) की कस्टडी में रोजाना नए-नए राज खोल रहे हैं।
आतंकियों की जांच पड़ताल से यूपी ATS के कई अहम जानकारियां हाथ लगी हैं। एटीएस ने आतंकियों के पास हथियार कहां से आए और उनको हथियार सप्लाई करने में किसने मदद की, इसकी जानकारी हासिल कर ली है।हालांकि अभी तक ये पता नहीं चल सका है कि गन पाउडर तैयार करने वाला केमिकल आतंकियों तक कैसे पहुंचा और केमिकल से गन पाउडर बनाने में तकनीकी मदद किसने की।
कानपुर में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री जहां गोला-बारुद और हथियार तैयार होते हैं, लिहाजा एटीएस इन तमाम अनसुलझे सवालों का जवाब खोजने के लिए कानपुर के आस-पास के जिलों में तफ्तीश कर रही है। इसके लिए एटीएस की टीमें कानपुर और आसपास के जिलों में गन पाउडर केमिकल बनाने वाली कंपनियों से भी पूछताछ कर रही हैं. उनसे उनका पुराना डेटा भी मांगा गया है।इन केमिकल को बनाने वाली फैक्ट्रियों की पड़ताल हुई तो पता चला कि कानपुर और कानपुर देहात में पांच लोगों के पास ये खतरनाक केमिकल बनाने का लाइसेंस है।
इन कम्पनियों से कहा गया है कि पूछताछ की जानकारी किसी से शेयर ना की जाए. सभी कम्पनियों से 2 साल का बिक्री का डाटा मांगा गया है, जिससे पता लगाया जा सके कि किस किस ने इस खतरनाक केमिकल की खरीद किस मकसद से की है। गन पाउडर बनाने में सल्फर, चारकोल और पोटेशियम नाइट्रेट का इस्तेमाल होता है. ऐसे लोग ATS के रडार पर हैं जिन्होंने पहली बार इस केमिकल को खरीदा हो।
बता दें कि 11 जुलाई को लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र में एटीएस ने सर्च ऑपरेशन में अलकायदा के दो आतंकी गिरफ्तार किए गए हैं। सूचना के मुताबिक उनके पास से प्रेशर कुकर बम और विस्फोटक सामान भी मिला है। संदिग्ध आतंकी किसी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे। आतंकियों ने आतंकी शिक्षा के रूप में दिए जाने वाले क्रैश कोर्स (Crash Course) के बारे में बताया है, जोकि अलकायदा द्वारा पढ़ाया जा रहा था।ये आतंकी क्रैश कोर्स पास करने के बाद अन्य घटनाओं को अंजाम देने वाले थे. आतंकियों ने बताया कि क्रैश कोर्स को पास करने के बाद आतंकी संगठन जिम्मेदारी देते थे।