मेरठ। टीपीनगर थाना क्षेत्र में ग्राहक सेवा केंद्र संचालक द्वारा करीब छह करोड़ रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। आरोप है कि एफडी में निवेश के नाम पर काफी संख्या में लोगों से ठगी करने के बाद संचालक फरार हो गया है। इस मामले में 18 लोग अभी सामने आए हैं। पुलिस से शिकायत करने के बाद एसपी सिटी विनीत भटनागर ने सोमवार को पूरे विवरण के साथ उन्हें बुलाया है।
टीपीनगर निवासी एक व्यक्ति यह केंद्र चलाता है। उसने एसबीआई और एचडीएफसी बैंक की सीएसपी ली है। शुरुआत में संचालक ने लोगों के एकाउंट खोले और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का लालच देकर खुद से जोड़ा। धीरे-धीरे खाते खुलने लगे और लोगों की एक बड़ी संख्या उससे जुड़ गई। इसी बीच फिक्स डिपोजिट (एफडी) भी करनी शुरू कर दी। इसमें निवेश से बड़े मुनाफे का लालच दिया गया।
आरोप है कि कुछ लोगों ने जब खाते से जुड़ी डिटेल और दस्तावेज मांगे तो वह उन्हें टालता रहा। शक होने पर 28 जुलाई को खाताधारक संचालक के घर पहुंचे और बात की। खुद पर विश्वास जमाने के लिए उसने एकाउंट पे चेक वितरित कर दिए। उसने कहा कि दो अगस्त को वह चेक अपने एकाउंट में लगा सकते हैं। उसके दो दिन बाद उनकी सारी राशि खाते में पहुंच जाएगी।
आरोप है कि अगले दिन संचालक अपने कार्यालय पर ताला डालकर गायब हो गया। लोग घर पहुंचे तो परिवार वालों ने उन्हें टरका दिया। इसके बाद रविवार को 18 खातेदार टीपीनगर थाने पहुंचे और इंस्पेक्टर रघुराज सिंह से मुलाकात की। इंस्पेक्टर ने मामले को साइबर क्राइम से जुड़ा बताकर सभी को साइबर सेल भेज दिया। वहीं, एसपी सिटी विनीत भटनागर से बात की गई तो उन्होंने सभी को सोमवार संपूर्ण विवरण के साथ मिलने के लिए बुलाया है।
ठगी का आरोप लगाने वालों में अंकुर चौधरी (1.30 करोड़), अंकित (40 लाख), राहुल चौहान (37 लाख), प्रशांत कुमार (7 लाख), हनी सिंह (6 लाख), संदीप (23 लाख), राहुल तिलवालिया (4.5 लाख), धीरज शर्मा (5 लाख), आयुष अग्रवाल (40 लाख), सचिन कुमार (7.5 लाख), अमित कुमार (4 लाख), रविंद्र कुमार (5 लाख), जोगिंदर (4.5 लाख), अंकुर (4.5 लाख), अभिषेक (2.08 लाख), सनी (2 लाख), पंकज शर्मा (7 लाख) व सलीम (1 लाख) सहित अन्य शामिल हैं।