इंडिया गठबंधन को तगड़ा झटका, जयंत चौधरी एनडीए का हिस्सा बने

amit shah and jayant
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मुजफ्फरनगर। आइएनडीआईए गठबंधन में एक और टूट के आसार बन गए हैं। गठबंधन की छीछालेदर तो इसके बनने से ही शुरू हो गई थी। इसके बाद बिहार बिहार में नीतिश अलग हुए। पंश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी आंखें दिखाने लगीं। रही सही कसर पश्चिमी उत्तरप्रदेश में जयंत चौधरी ने पूरी कर दी। हालात को देखते हुए अब जयंत अगर एनडीए का हिस्सा बन जाएं कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। वैसे भी राजनीति में न तो कोई किसी का मित्र होता है और न ही शत्रु होता है। इतना तय है कि यदि जयंत यह कदम उठाते हैं तो यह गठबंधन को तगड़ा झटका होगा।

दरअसल सपा के साथ सीटों के बंटवारे पर पेंच फंसने के बाद रालोद अध्यक्ष जयंत की भाजपा से नजदीकियां बढ़ने के संकेत मिलने लगे। सियासी गलियारे में भाजपा से हाथ मिलाने के चर्चे जोर शोर से शुरू हो गए । रालोद के रणनीतिकार भी असमंजस में हैं। लखनऊ में विधानसभा सत्र बीच में ही छोड़कर विधायकों को दिल्ली से बुला लिया गया, लेकिन फिर एन वक्त पर इंतजार करने के लिए कह दिया गया। उठापटक के अलग.अलग मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि रालोद नेतृत्व अपने विधायकों से अलग.अलग राय लेकर ही अगला कदम उठाएगा।

चर्चा यह भी है कि रालोद अध्यक्ष जयंत सिंह ने गणतंत्र दिवस के बाद एक्स पर भी कोई पोस्ट नहीं की है। इसी दौरान छपरौली में 12 फरवरी के कार्यक्रम को भी पीछे हटा दिया गया है। रालोद नेताओं ने अपने हिस्से में आई सभी सीटों पर जो सर्वे कराया, उसमें अपने ही प्रत्याशी लड़ाने की बात भी सामने आई थी। जिसके बाद असमंजस की स्थिति है।

रालोद अध्यक्ष के दांव को प्रेशर पॉलिटिक्स से भी जोड़कर देखा जा रहा है। सपा पर दबाव बनाने और मुजफ्फरनगर और हाथरस में अपने ही प्रत्याशी लड़ाने का दबाव बनाने को इस नए घटनाक्रम से जोड़ा जा रहा है। रालोद ने भाजपा से गठबंधन में बागपत, कैराना, मथुरा और अमरोहा सीट की मांग रखी है। भाजपा की ओर से भी यह सीटें दिए जाने पर सहमति दिए जाने की बात सामने आई है। साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने की मांग भी रखी जा रही है।

प्रदेश सरकार में हिस्सेदारी भी रालोद चाहता है। बुढ़ाना से राजपाल बालियान, पुरकाजी से अनिल कुमार, खतौली से मदन भैया, मीरापुर से चंदन चौहान, छपरौली से अजय कुमार, सिवालखास से गुलाम मोहम्मद, शामली से प्रसन्न चौधरी, थानाभवन से अशरफ अली खान और शादाबाद से गुड्डू चौधरी विधायक हैं। राजस्थान के भरतपुर से डॉ. सुभाष गर्ग दूसरी बार विधायक चुने गए हैं।

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