दिल्ली। केंद्रीय कर्मचारियों को सितंबर में एक अच्छी खबर मिल सकती है। जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक उनके महंगाई भत्ते यानी Dearness Allowance (DA) में एक बार फिर इजाफा हो सकता है।
गौरतलब है कि महंगाई भत्ते में 28 प्रतिशत की वृद्धि पहले ही हो चुकी है। जून 2021 के लिए महंगाई भत्ते का ऐलान होना है लेकिन पिछले साल कोविड-19 महामारी की वजह से महंगाई भत्ते की तीन छमाही की किस्तों को जुलाई 2021 तक रोक कर रखा गया था। 14 जुलाई को ही DA को 11 फीसदी बढ़ाकर 28 फीसदी किया गया है। इसलिए जून में होने वाली बढ़ोतरी पर फिलहाल फैसला बाकी है।
सितंबर में आएगी बढ़ी हुई सैलरी!
जून 2021 के महंगाई भत्ते का ऐलान सितंबर मध्य तक हो सकता है। वहीं, इसका भुगतान भी सितंबर की सैलरी के साथ होने की संभावना है। वहीं कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि उन्हें डेढ़ साल का एरियर नहीं चाहिए लेकिन अगर सितंबर में जून के महंगाई भत्ते का भुगतान होता है तो सरकार को दो महीने जुलाई और अगस्त का एरियर उन्हें देना चाहिए। सरकार ने डेढ़ साल का एरियर देने से इनकार कर दिया है। ऐसे में अगर जून 2021 का एरियर मिलेगा तो ये बड़ी राहत होगी।
जून 2021 में ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइज इंडेक्स (AICPI) के आंकड़े अच्छे रहे हैं। AICPI के आंकड़ों से साफ है कि महंगाई भत्ते में एक बार फिर 3 प्रतिशत का इजाफा हो सकता है। जून 2021 का आंकड़ा 121.7 रहा है। जून 2021 के इंडेक्स में 1.1 अंक की बढ़ोतरी हुई है जिससे यह 121.7 पर पहुंचा है। ऐसे में 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाना तय माना जा रहा है।
31 प्रतिशत का इजाफा
121.7 पर पहुंच आंकड़े से महंगाई भत्ता 31.18 प्रतिशत होता है लेकिन महंगाई भत्ते का का हिसाब करते समय पूरा आंकड़ा ही माना जाता है। ऐसे में इसमें 31 प्रतिशत का इजाफा होगा। अब तक महंगाई भत्ता 28 प्रतिशत हो चुका है। जून 2021 में होने वाली DA की बढ़ोतरी को मिलाकर अब 31 प्रतिशत हो जाएगा। हालांकि भुगतान कब होगा यह साफ नहीं है लेकिन उम्मीद है कि सरकारी कर्मचारियों को सितंबर के मध्य तक यह खबर मिल सकती है।
यह होता है महंगाई भत्ता
महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों के रहन सहन के स्तर को और बेहतर बनाने के लिए मुहैया कराया जाता है। महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारी के रहन-सहन के स्तर पर किसी तरह का स्तर ना पड़े। इसलिए इसमें बढ़ोतरी की जाती है। यह भत्ता सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है। इसकी शुरुआत दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हुई थी। उस वक्त इसे खाद्य महंगाई भत्ता या डियरनेस फूड अलाउंस कहते थे। भारत में मुंबई में साल 1972 में सबसे पहले महंगाई भत्ते की शुरुआत हुई थी। इसके बाद केंद्र सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाने लगा।