
मुजफ्फरनगर। शामली के कैराना में अतिरिक्त दहेज के लिए महिला की जलाकर हत्या करने के दोषी पति को अदालत ने 15 साल कारावास, एक देवर को 10, दूसरे को आठ और सौतन को 10 साल कारावास की सजा सुनाई गई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय) की पीठासीन अधिकारी नेहा गर्ग ने फैसला सुनाया। जांच में लापरवाही के मामले में तत्कालीन सीओ कैराना आलोक प्रियदर्शी समेत तीन पुलिसकर्मियों की जांच के आदेश दिए गए हैं।
सहायक शासकीय अधिवक्ता अरुण कुमार जावला ने बताया कि कैराना के दरबार खुर्द निवासी यासीन ने अपनी बेटी फुरकाना का निकाह मोहल्ले के ही नईम के साथ किया था। शादी के बाद से नवविवाहिता पर अतिरिक्त दहेज और बाइक लाने का दबाव बनाया जा रहा था। पांच मई 2010 को फुरकाना संदिग्ध हालात में गायब हुई। अगले ही दिन उसका शव मामौर गांव के जंगल में पड़ा मिला।
वारदात में पीडि़त पक्ष ने मृतका के पति नईम, देवर मुरसलीन, नसीम, ससुर कालू और नईम की दूसरी पत्नी अफसाना के खिलाफ दहेज के लिए जलाकर हत्या करने का मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ दो अलग-अलग चार्जशीट दाखिल की।
प्रकरण की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वितीय) में हुई। ट्रायल के दौरान मृतक के ससुर कालू की मौत हो गई। शुक्रवार को अदालत ने दोष सिद्ध करते हुए सजा सुनाई। दहेज हत्या में दोषी पति नईम को 15 साल कारावास, देवर मुरसलीन आठ साल कारावास, नसीम को 10 साल कारावास, मृतका की सौतन अफसाना को 10 साल के कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।
हत्या कर शव छिपाने के मामले में दो-दो साल कारावास की सजा सुनाई है। उधर, जांच में लापरवाही बरतने के मामले में तत्कालीन सीओ आलोक प्रियदर्शी और पुलिसकर्मी सुरेश चंद और एके शुक्ला की जांच के आदेश दिए गए हैं। एसपी शामली से आठ सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है।