
इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णों की छोटी बेटी सुकमावती ने एक समारोह में इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया। यह समारोह देश के हिंदू प्रांत बाली में आयोजित किया गया था। मुस्लिम बहुल देश में यह बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है। बाली में यह समारोह सुकमावती के 70वें जन्मदिन पर आयोजित किया। इस समारोह में केवल 50 मेहमान शामिल हुए। इसमें अधिकतर परिवार के सदस्य ही थे। दरअसल कोविड.19 महामारी के चलते बहुत कम लोगों को समारोह में आमंत्रित किया गया।
समारोह के दौरान विशेष बात यह रही कि सुकमावती के धर्मांतरण पर उठाए कदम का उनके भाइयों, गुंटूर सोएकर्णोपुत्र और गुरुह सोएकर्णोपुत्र तथा बहन मेगावती सोकर्णोपुत्री ने भी समर्थन किया है। इतना ही नहीं उनके इस कदम का स्वागत उनके बच्चों यानी मुहम्मद पुत्र परवीरा उतामा, प्रिंस हर्यो पौंड्राजरना सुमौत्रा जीवनेगारा और गुस्ती राडेन आयु पुत्री सिनिवती ने भी किया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक सुकमावती की दादी इदा अयू नयोमान राई श्रीमबेन उनके हिंदू बनने के लिए काफी हद तक वजह बनीं। सुकमावती के वकील ने बताया कि उनकी दादी को हिंदू धर्म की काफी वृहद जानकारी है। दादी के अलावा सुकमावती को भी हिंदू धर्म के सिद्धांतों और परंपराओं की पूरी जानकारी है।
सुकमावती इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो की तीसरी बेटी हैं और वे इंडोनेशिया नेशनल पार्टी की संस्थापक भी हैं। उन्होंने कांजेंग गुस्ती पानगेरान अदिपति आर्या से शादी की थी, लेकिन वर्ष 1984 में उनका तलाक हो गया। वर्ष 2018 में सुकमावती पर एक ऐसी कविता कहने का आरोप लगा था जिससे इस्लाम का अपमान हुआ। कट्टरपंथियों ने सुकमावती पर ईशनिंदा का केस भी दर्ज कराया। इसके बाद सुकमावती ने माफी मांगी थी। इंडोनेशिया में इस्लाम सबसे बड़ा धर्म है और यहां बहुसंख्यक आबादी मुस्लिम है। हालांकि देश के बाली द्वीप पर हिंदू बहुतायत में रहते हैं जहां कई मंदिर बने हैं।