बिजनौर। जेलों में बड़े अपराधों में उम्रकैद की लंबे समय से सजा काट रहे कैदियों के लिए राहत भरी खबर है। अब उन्हें रिहाई के लिए साल में केवल गणतंत्र दिवस का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। योग दिवस समेत अब सात दिवसों पर ऐसे कैदियों की रिहाई का योग बनेगा। इसके लिए अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की ओर से पत्र जारी कर एडवाइजरी भेज दी गई है।
इसके अलावा पुराने नियमों में कई बदलाव भी किए गए हैं। 16 साल अपरिहार और 20 साल सपरिहार सजा काट चुके या 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कैदियों को इसका लाभ मिलेगा।
अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइन के अनुसार अब उम्र कैद से दंडित कैदियों को 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) के अलावा महिला दिवस आठ मार्च, विश्व स्वास्थ्य दिवस सात अप्रैल, 21 जून योग दिवस, मजदूर दिवस एक मई, स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त, गांधी जयंती दो अक्तूबर को भी रिहा किया जा सकेगा।
अब तक 16 वर्ष की अपरिहार और 20 वर्ष की सपरिहार (छूट सहित) सजा पूरी कर चुके आजीवन कैदी ही रिहाई के लिए आवेदन कर सकते थे। अब इसमें संशोधन कर इसके साथ-साथ 60 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके कैदियों को भी लाभ मिलेगा। बिजनौर समेत सभी जेल अधीक्षकों को नई गाइडलाइन जारी कर पात्र कैदियों के आवेदन कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।
इन बीमारियों से पीड़ित होने पर होता है आवेदन
यदि कोई कैदी निर्धारित उम्र या सजा पूरी कर चुका है और उसे गंभीर स्थिति की टीबी, लाइलाज खून संबंधी बीमारी, गंभीर हृदय रोग, गंभीर अल्सर, कुष्ठ, पूर्ण अंधता समेत 12 बीमारियों को रखा गया था। अब संशोधित गाइड लाइन में 13 बिंदु कर दिए गए हैं और एनी अदर टर्मीनल डिजीज को जोड़ा गया है।
निर्धारित तिथियों से 90 दिन पहले देना होगा आवेदन
जेल अधीक्षक लाल रत्नाकर सिंह ने बताया कि नई गाइडलाइन प्राप्त हुई है। पहले व्यवस्था थी कि 31 अक्तूबर तक समय पूर्व रिहाई के लिए आवेदन देना होता था। अब नई गाइडलाइन के अनुसार तय की गई तिथि से 90 दिन पहले आवेदन करना अनिवार्य होगा।