बिजनौर । यदि सब कुछ ठीक रहा और प्रस्ताव पर शासन की मुहर लगी तो बिजनौर जेल की गिनती भी प्रदेश की अति सुरक्षित जेलों में होने लगेगी। जिला जेल में सेंट्रल जेल की तर्ज पर अंडाकार सेल बनाने का प्रस्ताव जेल एवं जिला प्रशासन की ओर से शासन को भेजा गया है। इसके अतिरिक्त जेल में 250 की क्षमता की बैरक अगले माह तक शुरू होने की उम्मीद है। इससे जहां अतिरिक्त कैदियों का भार कम होगा। वहीं, खूंखार अपराधियों को सुरक्षित बैरकों में रखा जा सकेगा।
बिजनौर की जेल में सेंट्रल जेल की तरह ही हाई सिक्योरिटी बैरक बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए जेल में जहां सब्जियां उगाई जाती हैं, वहां जगह चिह्नित कर दी गई है। शासन की ओर से पूछे जाने पर जिला जेल प्रशासन ने जमीन की उपलब्धता और अंडाकार सेल की जरूरत को हामी भरते हुए जवाब भेज दिया है।
माना जा रहा है कि शासन स्तर से इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिलते ही इसका बजट, क्षमता और जगह को भी तय कर दिया जाएगा। हालांकि यह निर्माण किसी भी सामान्य ठेकेदार से न कराकर पुलिस और अन्य ऐसे संवेदनशील विभागों में काम करने वाले ठेकेदारों से कराया जाएगा। इसके अलावा करीब 250 बंदियों और कैदियों को रखने की क्षमता वाली बैरक अगले महीने शुरू हो जाएगी। जिससे जेल में कैदियों का अतिरिक्त भार कुछ कम होगा।
580 की क्षमता, 1150 बंदी और कैदी हैं बंद
बिजनौर की जेल ब्रिटिश काल में बनाई गई थी। इसके बारे में बताया जाता है कि आजादी से पहले 1852 में इसका निर्माण हुआ था और इसका कुल रकबा 12.4 हेक्टेयर है। जेल में 580 बंदियों को रखने की क्षमता हैं। एक माह पहले तक यहां करीब 1050 बंदी और कैदी बंद थे, लेकिन पिछले महीने सहारनपुर से 100 महिला बंदियों को यहां शिफ्ट कर दिया गया। इससे यह संख्या 1150 हो गई। हालांकि अगले माह शुरू होने वाली नई बैरक की क्षमता करीब 250 है, इससे यह भार कम हो जाएगा।
क्या है अंडाकार सेल
अंडाकार सेल कुख्यात अपराधियों को रखने के लिए बनाई जाती हैं। यह अंडाकार होती हैं और उसकी दीवारें बहुत मजबूत होती हैं। इसकी छत में स्टील का मजबूत जाल कई परतों में लगा होता है, जिसे तोड़ पाना लगभग नामुमकिन होता है। उत्पात मचाने वाले अपराधियों को भी इसमें बंद रखा जाता है।