बिहार में सियासी घमासान, जदयू और भाजपा में दूरियां बढ़ीं, आरजेडी से हाथ मिला सकते हैं नीतिश

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पटना। बिहार में सियासी उठापटक तेज हो गई है। कयास तो यहां तक लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही भाजपा और जेडीयू के राहें जुदा हो सकती हैं। क्यों कि नीतिश कुमार किसी भी कीमत पर मानने को तैयार नहीं हैं। हालांकि नीतिश ने इसके संकेत बहुत पहले दे दिए थे कि वह अब भाजपा के साथ अधिक दिन रहने वाले नहीं हैं। रही सही कसर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन ने पूरी कर दी। अब माना जा रहा है कि यदि नीतिश भाजपा से अलग होतें हैं तो वह आरजेडी के साथ हाथ मिला सकते हैं।

बिहार की राजनीति में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। खासकर सत्ता दल जदयू और भाजपा के बीच तल्खियां बढ़ती जा रही है। इसकी शुरूआत आरसीपी सिंह से हुई। नीतिश ने आरसीपी सिंह को इस बार राज्यसभा में नहीं भेजा, जिससे उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से हाथ धोना पड़ा, जिससे नीतिश और आरसीपी सिंह के बीच दूरियां बढ़ गईं। इस बीच नीतिश को लगा कि इन सबके पीछे बीजेपी है और उन्होंने बीजेपी से किनारा करने की तैयारी शुरू कर दी।

इसके बाद 17 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में तिरंगे को लेकर हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक में नीतिश नहीं पहुंचे। उसके बाद 22 जुलाई को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई भोज में भी नीतीश कुमार शाामिल नहीं हुए। इतना ही नहीं 25 जुलाई को नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह में भी नीतीश कुमार नहीं गए।
सात अगस्त को भी नीतीश कुमार प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए। इससे साफ लगता है कि नीतिश अब भाजपा से अलग होना चाह रहे हैं।

उधर, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन ने एक संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुपस्थिति के बारे में सवालों को खारिज करते हुए कहा कि आपको मुख्यमंत्री से इस बारे में पूछना चाहिए। ललन ने बीजेपी के साथ सबकुछ ठीक होने का दावा करते हुए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों में जेडीयू के समर्थन का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने व्हीलचेयर पर मतदान केंद्र पहुंचकर मतदान किया।

हालांकि इन सबके बीच सोमवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने का वक्त मांगा है। उधर, स्थिति पर नजर रखने के लिए कांग्रेस ने भी अपने विधायकों की एक बैठक पटना में बुलाई है। देखिए बिहार की राजनीति का उंट किस करवट बैठता है।

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