पं. विनीत कौशिक
हिंदू धर्म में वैसे तो हर प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। परंतु सावन का प्रदोष व्रत अधिक खास हो जाता है, क्योंकि सावन मास भगवान शिव को बेहद प्रिय है। कहा जाता है कि सावन मास में भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी पर विचरण करते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है। इसके साथ ही कष्टों से मुक्ति मिलती है।
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
20 अगस्त, शुक्रवार को प्रदोष व्रत है। इस प्रदोष व्रत पर पंचांक के अनुसार शुभ संयोग बनने जा रहा है। 20 अगस्त 2021 को रात 08 बजकर 50 मिनट तक त्रयोदशी तिथि रहेगी। प्रदोष व्रत आयुष्मान और सौभाग्य योग में रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार आयुष्मान योग 20 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। इसके बाद सौभाग्य योग आरंभ होगा। इन दोनों योग को ज्योतिष शास्त्र में शुभ फल देना वाला योग माना गया है।