
बिजनौर। बिजनौर शहर तक बाढ़ का खतरा है, सिंचाई विभाग ने इसी के मद्देनजर गंगा के किनारे 115 किलोमीटर के दायरे में बाढ़ के खतरे को देखते हुए पिलर लगवा दिए हैं। इस क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्माण कार्य पर रोक रहेगी। पिलर लगाने का काम तेजी से चल रहा है।
2013 में आई केदारनाथ आपदा से गंगा उफान पर आ गई थी। गंगा में साढ़े पांच लाख क्यूसेक तक पानी पहुंच गया था। बिजनौर में गंगा बैराज पर इतना पानी पहले कभी नहीं आया थ
आसपास के गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। तमाम लोग अपना घर छोड़कर दूसरी जगह जा बसे थे। गंगा के तटीय गांव के लोग कई दिन तक रात भर जागते रहे। केदारनाथ आपदा के बाद गंगा क्षेत्र के केंद्र सरकार की ओर से सेटेलाइट से सर्वे कराया गया था। सर्वे के दौरान देखा गया कि कहां तक बाढ़ का खतरा रह सकता है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण की ओर से यह सर्वे किया गया। इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई। इसके बाद गंगा किनारे पिलर लगाने का काम शुरू किया गया।
बिजनौर जिले में मार्च माह से गंगा किनारे सबलगढ़ से जलीलपुर ब्लॉक के नेवला गांव तक पिलर लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। डेढ़ साल में ये सब पिलर लगने हैं। 37 लाख की लागत से ये पिलर लगने हैं। रेग्यूलेटरी जोन में पीले व फ्लड जोन में लाल रंग के पिलर लगेंगे। सबलगढ़ से बैराज, रावली, पूरनपुर आदि क्षेत्र में पिलर लगाए गए हैं। कहीं पिलर गंगा किनारे लगे हैं तो कहीं गंगा से काफी दूरी पर लगे हैं। फ्लड जोन में पिलर लगाकर बाढ़ का खतरा बताया गया है। लाल रंग के पिलर जहां लगे हैं वहां तक बाढ़ का खतरा है। एक से दूसरे पिलर के बीच 200 मीटर की दूरी रखी गई है।
गंगा के बाएं और दाएं दोनों किनारों पर ये पिलर लगाए जा रहे हैं। गंगा पार मुजफ्फरनगर व मेरठ जिले की ओर से पिलर लगाने का काम किया जा रहा है। सिंचाई खंड अफजलगढ़ धामपुर के जेई जोगेंद्र सिंह के मुताबिक केंद्र सरकार की योजना के तहत ये पिलर लगाए जा रहे हैं। अब तक सबलगढ़ से बैराज के आसपास के गांवों में पिलर लगा दिए गए हैं। बरसात बाद बाकी जगहों पर भी पिलर लगेंगे।
गंगा का है 115 किलोमीटर क्षेत्र
बिजनौर। मंडावर क्षेत्र केे गांव सबलगढ़ से जलीलपुर ब्लॉक के नेवला गांव तक 115 किलोमीटर गंगा क्षेत्र के दायरे में ये पिलर लगाए जा रहे हैं। यह पूरा क्षेत्र गंगा का है। इस क्षेत्र से गंगा निकलती हैै। संभावित बाढ़ के खतरे को देखते हुए इस क्षेत्र में नए निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है।