लखनऊ । प्रयागराज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और मठ बाघबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरी की मौत की गुत्थी उलझी है। उन्हें जानने वाले कहते हैं कि उनकी मौत यूं ही नहीं हुई, इसके पीछे कई राज छिपे हैं। कोई एक शख्स था, जो महीनों से महंत नरेंद्र गिरि की नींद हराम कर रखी थी। महंत नरेंद्र गिरि ने अपने एक करीबी शख्स से उसका जिक्र भी किया था। आखिर उनकी मौत के बाद अब शक सुई, उसी शख्स के इर्द-गिर्द घूम रही है, जो नरेंद्र गिरी को परेशान कर रहा था।
उनके सबसे करीबी शिष्य आनंद गिरि को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। अब सवाल यह है कि क्या कोई और भी शख्स है जिससे महंत को कोई खतरा था और अगर खतरा था तो किस तरह का। अभी तो फिलहाल उन्हीं के कुछ शिष्य उनके सुसाइड नोट पर ही अंगुली उठा रहे हैं। इस गुत्थी को सुलझाना पुलिस के लिए आसान नहीं होगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी ने सोमवार शाम जार्जटाउन स्थित बाघंबरी मठ के अंदर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। शाम को उनका सेवादार शिष्य चाय लेकर पहुंचा तो दरवाजा अंदर से बंद था। काफी आवाज देने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला तो मठ के अंदर खलबली मच गई। आसपास के लोग भागकर वहां पहुंचे। दरवाजा तोड़ा गया तो महंत का शव फंदे से लटका देखकर लोगों की चीख निकल गई। आननफानन में महंत के पार्थिव शरीर को रस्सी काटकर नीचे उतारा गया, लेकिन तब बहुत देर हो चुकी थी।
महंत नरेंद्र गिरि की सांसें थम चुकी थीं। खबर पाकर पुलिस आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। मठ के भीतर और बाहर लोगों की भीड़ जुट में महंत नरेंद्र गिरि के करीबी अमर गिरि पवन महराज ने पुलिस को तहरीर दी है। उन्होंने । इस मामले आरोप लगाया है कि महंत नरेंद्र गिरि उनसे कई बार इस बात का जिक्र कर चुके थे कि उन्हें आनंद गिरि परेशान कर रहा था। मुलाकात से मना करने पर बेसमय फोन कर ब्लैकमेल करते थे।
कुछ महीने पहले गुरु और शिष्य में विवाद के बाद हुया था टकराव अखाड़ा परिशद के अध्यक्ष और मठ बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि ने कुछ महीने पहले अपने शिष्य आनंद गिरि को संत समाज की परंपरा का उल्लंघन करने पर मठ से निकाल दिया था। जिसके बाद आनंद गिरि ने महंत नरेंद्र गिरि पर तमाम तरह के आरोप लगाए थे। हालांकि बाद में महंत नरेंद्र गिरि ने बाद में आनंद गिरि को माफ कर दिया था। इसके बाद भी उनके बीच कड़वाहट बनी रही।
आखिरकार महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या कर ली। नरेंद्र गिरि की मौत के तत्काल बाद आनंद गिरि ने बयान जारी कर कहा कि उनके गुरु महंत नरेंद्र गिरि खुदकुशी नहीं कर सकते, उनकी हत्या की गई है और उनके फंसाने की साजिश रची जा रही हैं। हालांकि मौके से सुसाइड नोट बरामद होने के बाद पुलिस ने तत्काल हरिद्वार पुलिस से संपर्क कर आनंद गिरी को गिरफ्तार कर लिया।