नई दिल्ली। चीन अब पृथ्वी की कक्षा में चीन कई किलोमीटर बड़ा विशालकाय ढांचा बनाने की तैयारी कर रहा है। इसमें सोलर पावर प्लांट, टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स, गैस स्टेशन से लेकर एस्टेरॉइड खनन की भी सुविधा उपलब्ध होगी। चीन के राष्ट्रीय प्राकृतिक विज्ञान फाउंडेशन ने पांच साल की योजना की घोषणा करते शोधकर्ताओं को तकनीक विकसित करने का निर्देश दिया है।
इस अंतरिक्ष में नियंत्रित वजन वाली चीजों का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि इन्हें मौजूदा रॉकेट से कक्षा में पहुंचाया जा सके। वैज्ञानिकों कक्षा के भीतर चीजों को स्थापित और कंट्रोल करने के लिए भी तकनीक की जरूरत होगी।
चीन की सरकार ने कहा है कि स्पेस में मेगा प्रोजेक्ट की तत्काल जरूरत है, जिसके लिए विशालकाय अंतरिक्ष की आवश्यकता होगी ताकि वे कक्षा में स्थापित किए जा सकें। यह ऐसी पहली परियोजना है जिसमें एक मील चौड़ा सौर ऊर्जा स्टेशन होगा जो 2035 तक चीनी ग्रिड को बिजली देगा।
दूसरे प्रोजेक्ट्स में ऐसे कई बड़े ऑर्बिटल प्लेटफॉर्म शामिल होंगे, जो कई मील क्षेत्रफल के होंगे। इनके सामने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन बौना दिखेगा, जो सिर्फ करीब 350 फीट तक चौड़ा है। इस विशाल ढांचे में कई अंतरिक्ष केंद्र शामिल होंगे, जो कक्षा में अलग-अलग जगह मौजूद होंगे।
चीन पहले ही अंतरिक्ष में अपना खुद का अंतरिक्ष केंद्र तियानगॉन्ग स्थापित कर चुका है। इसकी योजना अंतरिक्ष में नए रिसर्च मॉड्यूल और टेलिस्कोप भेजकर अपने आकार को बढ़ाने की है।