नई दिल्ली। जहांगीर पुरी क्षेत्र में हुई हिंसा में अब तक हुई जांच में यह सामने आया है कि यइ एक सुनियोजित साजिश के तहत हुआ है। जुलूस पर हमले की योजना पहले ही तैयार कर ली गई थी। इसके लिए बाकायदा तैयारी की गई थी। इसके बाद जहांगीरपुरी इलाके में सांप्रदायिक हिंसा फैल गयी थी, अब इस मामले में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वहीं दिल्ली पुलिस के आयुक्त राकेश अस्थाना ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हिंसक झड़पों में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वे किसी भी वर्ग, पंथ या धर्म के हों।
दिल्ली पुलिस ने झड़पों के दो दिन बाद स्वीकार किया कि हिंदू संगठनों द्वारा आयोजित तीसरी हनुमान जयंती शोभायात्रा को प्रशासनिक अनुमति नहीं दी गई थी। पुलिस ने सोनू नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया जिसने कथित तौर पर पुलिस पर गोलियां चलाई थीं। हिंसा की घटना में आठ पुलिसकर्मियों और एक नागरिक सहित नौ लोग घायल हो गए थे। इस मामले में अभी तक कुल 25 लोगों को पकड़ा गया हैण् इनमें दो किशोर भी शामिल हैं।
उत्तर पश्चिमी दिल्ली के हिंसाग्रस्त जहांगीरपुरी इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया गया हैए इनमें दंगा रोधी बल के जवान भी शामिल हैंण् एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चौबीस घंटे क्षेत्र में 500 से अधिक पुलिसकर्मी और अतिरिक्त बलों की छह कंपनियां तैनात हैं।
इस मामले में दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना का भी बयान आया हैण् उन्होंने बिल्कुल साफ कर दिया है कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगाण् अस्थाना ने ये भी कहा कि जुलूस के दौरान मस्जिद में भगवा झंडा फहराने का कोई प्रयास नहीं किया गया। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी एवं विश्व हिंदू परिषद विहिप के एक स्थानीय नेता प्रेम शर्मा से पूछताछ की है। पुलिस के अनुसार वह वीडियो की पड़ताल कर रहे हैं ताकि उन लोगों की पहचान की जा सके जो हिंसा में शामिल थे।