
देहरादून। आज एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन अंतरराष्ट्रीय बधिर जागरूकता सप्ताह मनाने के उपलक्ष में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र देहरादून के द्वारा सनातन धर्म कन्या इंटर कॉलेज गीता भवन देहरादून स्थित उत्तराखंड डैफ वेलफेयर एसोसिएशन के कार्यालय पर आयोजित की गई।
जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र संचालक मुनीशाभा सेवा सदन पुनर्वास संस्थान तथा उत्तराखंड डैफ वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में दिव्यांगता के क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाएं दून डिफरेंटली एबल ट्रस्ट, दिव्य दृष्टि एजुकेशन सोसाइटी के अतिरिक्त देहरादून के समस्त राजकीय एवं अशासकीय विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय बधिर जागरूकता सप्ताह मनाएगा।
इस दौरान 20 सितंबर से 26 सितंबर तक प्रत्येक दिन अलग-अलग पूर्व से नियोजित शीर्षकों पर कार्यशाला आयोजित की जाएंगी एवं ज्यादा से ज्यादा सरकारी विभागों में भारतीय सांकेतिक भाषा का आधारीय ज्ञान दिया जाएगा। जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र देहरादून एवं उत्तराखंड डैफ वेलफेयर एसोसिएशन ने आज एक विशेष बैठक में यह प्रस्तावना तैयार की। इस दौरान जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के दिव्यांग पुनर्वास नोडल अधिकारी एवं सक्षम उत्तराखंड के प्रांत प्रचार प्रमुख अनंत प्रकाश मेहरा ने बताया यदि समाज में समावेशन लाना है उसके लिए जन-जन को भारतीय सांकेतिक भाषा का आधारीय ज्ञान देना नितांत आवश्यक है और यह ज्ञान न केवल किसी एक विशेष विभाग को अपितु समस्त विभागों को यह सीखना अति आवश्यक है जिससे हमारे श्रवण बाधित जन भी अपनी सभी समस्याओं का निदान किसी भी समय स्वयं से करवा सकें ऐसे में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चलाए जा रहे समावेशन के कार्यक्रम को बढ़ावा मिलेगा और समाज के बधिर वर्ग को सशक्तिकरण प्राप्त होगा।उन्होंने बताया सर्वप्रथम समाज कल्याण विभाग के सभी कर्मचारियों, अधिकारियों, नि:शक्तजन आयुक्त को भारतीय सांकेतिक भाषा का आधारीय ज्ञान दिया जाएगा।
न केवल समाज कल्याण विभाग अपितु चिकित्सा विभाग में भी आए दिन हमारे श्रवण बाधित दिव्यांगजन निराशा महसूस करते हैं जब उनको सुनने और समझने वाले भारतीय सांकेतिक भाषा नहीं जानते। इस मौके पर उन्होंने सरकार से भी अपील की है के श्रवण बाधित जनों के व्यवसायिक प्रशिक्षण हेतु डैफ आईटीआई अथवा पॉलिटेक्निक संस्थान का उत्तराखंड में होना नितांत आवश्यक है जिससे हमारे श्रवण बाधित जन अपने कौशलों का विकास करने हेतु प्रवेश ले सकें।
उत्तराखंड में उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु श्रवण बाधित जन दर दर की ठोकर ना खाएं इसलिए भी प्रयास किए जा रहे हैं एवं सभी विश्वविद्यालयों में श्रवण बाधित जनों के प्रवेश के लिए जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र देहरादून पूर्ण प्रयास कर रहा है। इस मौके पर उन्होंने सभी प्राइवेट स्कूलों के प्रधानाचार्य से अपील की कि उनके यहां पढ़ रहे श्रवण बाधित जनों के बच्चों एवं स्वयं यदि श्रवण बाधित बच्चा पढ़ रहे है तो भी उसकी फीस माफ कर दी जाए। और ज्यादा से ज्यादा अपने यहां ऐसे बच्चों को प्रवेश दें जिसमें जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र देहरादून उनका पूर्ण सहयोग करेगा।
उन्होंने बताया 28 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय बधिरता दिवस के उपलक्ष में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र द्वारा एक विशेष कार्यक्रम “बधिरता मुक्त देहरादून अभियान” की शुरुआत की जाएगी जिसके उपलक्ष में एक विशेष आयोजन किया जाएगा। जिसमें जिला देहरादून में निवासरत श्रवण बाधित दिव्यांगजनो को निःशुल्क कान की मशीन दी जाएगी तथा जिन दिव्यांग जनों का कोक्लियर इंप्लांट्स होना है उनको चिन्हांकित कर शीघ्र अति शीघ्र बधिरता मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत ऑपरेशन भी कराया जाएगा। इस मौके पर स्वयं श्रवण बाधित उत्तराखंड डैफ वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश ग्रोवर ने आगामी 20 सितंबर से 26 सितंबर तक के कार्यक्रमों को आयोजित करने के लिए सरकार से भी आह्वान किया है कि इस नए सत्र में प्रत्येक विशेष विभागों में भारतीय सांकेतिक भाषा अनुवादक नियुक्त किए जाने चाहिए जिससे हमारे श्रवण बाधित जन ज्यादा से ज्यादा समावेशित किये जा सके।
बैठक में निरूपा सूद संचालक दून डिफरेंटली एबल ट्रस्ट एवं समन्वयक जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र, ऋषभ प्रकाश, जितेश सिंह दिव्य दृष्टि एजुकेशन सोसायटी, दिनेश, शोविक दास, कृष्णा नौटियाल, सुनीता सैनी विनय सैनी अध्यक्ष दिव्यांग अभिभावक एसोसिएशन, अभिनव सैनी देव ग्रोवर, गौरव,कैलाश चौहान, मनोचिकित्सक सोनाली आनंद अरोड़ा आदि उपस्थित रहे।