मेरठ। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भाकियू ने सूबे के पांच मंडलों के किसानों के साथ बुधवार को ग्रेटर नोएडा कूच किया। मेरठ और सहारनपुर मंडल के किसानों को नोएडा जाने के लिए प्रशासन रोकने की कोशिश कर रहा है। जगह जगह किसानांे को रोका गया है।
सहारनपुर में किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए नोएडा कूच कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेताओं को पुलिस प्रशासन ने चमारीखेड़ा टोल प्लाजा पर रोक लिया। सुबह करीब 7.30 बजे जैसे ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रवक्ता चौधरी रघुवीर सिंह और जिला अध्यक्ष नरेश स्वामी का काफिला फतेहपुर थाना क्षेत्र में चमारी खेड़ा टोल प्लाजा पर पहुंचा तो यहां पहले से ही तैनात एसडीएम बेहट मानवेंद्र सिंह और सीओ शशि प्रकाश शर्मा ने उन्हें रोक लिया।
इस दौरान पश्चिम प्रदेश प्रवक्ता चौधरी रघुवीर सिंह और जिला अध्यक्ष नरेश स्वामी क्या कहना था कि प्रशासन हठधर्मिता पर उतरा हुआ है। वे लोग केवल कुछ समर्थकों के साथ आंदोलन में शामिल होने जा रहे थे। पुलिस उन्हें जाने की इजाजत दे या फिर जेल भेजें। करीब एक घंटा तक टोल पर अधिकारियों और भाकियू नेताओं के बीच जद्दोजहद चलती रही लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद कार्यकर्ता टोल पर दरी बिछाकर धरना देकर बैठ गए।
बिजनौर में भारतीय किसान यूनियन टिकैत के नेताओं को पुलिस ने देर रात उनके घर पर ही नजर बंद कर दिया। किसान नेताओं ने कहा कि किसानों का शोषण बर्दाश्त नहीं होगा नियोजित मांगों के आगे वह सरकार के किसी दबाव में नहीं आएंगे।
भारतीय किसान यूनियन टिकैत के गांव चमरौला निवासी पश्चिमी उत्तर प्रदेश सचिव दिनेश कुमारए गांव सराय आलम निवासी ब्लॉक अध्यक्ष अवनीश कुमार और शहजादपुर निवासी अजय कुमार को मंगलवार की देर रात नांगल पुलिस ने उनके घरों पर नजर बंद कर दिया।
रात लगभग एक बजे पुलिस ने किसान नेताओं को ग्रेटर नोएडा कूच करने के संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान के बाद नजरबंद किया। किसान नेताओं ने कहा कि किसानों की न्यायोचित मांगों को दबाने के लिए सरकार द्वारा उन्हें धरना प्रदर्शन को जाने से जबरन रोका जा रहा है। उधर भाकियू के युवा नेता सरदार वरिंदर सिंह बांठ ने भी सरकार और प्रशासन की किसानों को अधिकारों के लिए आंदोलन से रोके जाने की नीति की आलोचना की।