अहमदाबाद। गुजरात विधानसभा चुनाव से 15 महीने पहले ही मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पिछले महीने अगस्त में बतौर सीएम पांच साल पूरे करने वाले रूपाणी के अचानक इस्तीफे ने सभी को चौंका दिया। सभी पार्टी विधायकों को शनिवार रात तक गांधीनगर पहुंचने को कहा गया है।
रविवार सुबह विधानमंडल दल की बैठक में नए सीएम का चुनाव हो सकता है। पार्टी ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव व केंद्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है। प्रदेश में अगले साल दिसंबर में 182 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खुद इस राज्य से आते हैं, ऐसे में भाजपा के लिए प्रदेश के विधानसभा चुनाव काफी अहमियत रखते हैं। 65 वर्षीय रूपाणी ने दिसंबर 2017 में दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगा, मैं उसे निभाऊगा रुपाणी
राज्यपाल आचार्य देवव्रत को इस्तीफा सौंपने के बाद रूपाणी ने कहा, मैंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। यह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का फैसला है। मैंने पांच साल प्रदेश की सेवा की और राज्य के विकास में अपना योगदान दिया। अब पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, में उसे निभाऊंगा। 2016 में आनंद पटेल की जगह उन्हें सीएम पद को जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
नए सीएम को दौड़ में पटेल, रुपाला मंडाविया और फाल्दू के नाम आगे नए सीएम के तौर पर नितिन पटेल, आरसी फाल्दू और केंद्रीय मंत्रियों पुरुषोत्तम मनसुख मंडाविया के ‘नाम आगे हैं। पाटीदार समुदाय के नेता को मौका मिलने की अटकरते हैं। सिर्फ नितिन विस में, उपचुनाव को संभावना नहीं मुख्यमंत्री पद की दौड़ में जिन लोगों के नाम चल रहे हैं, उनके केवल उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ही विधानसभा सदस्य हैं। अन्य नामों में से किसी मुख्यमंत्री बनाए जाने पर उसे अगले छह महीने के अंदर विधानसभा का सदस्य बनना होगा।
इसके लिए उपचुनाव कराना होगा। सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा उपचुनाव नहीं कराना चाहेंगी। पिछले चुनाव में 22 साल बाद 100 से कम सीटें रूपाणी के 2016 में पद संभालने के बाद 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 99 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा को 50 फीसदी वोट मिले थे। इस चुनाव में भाजपा का वोट प्रतिशत एक फीसदी जरूर बढ़ा था, लेकिन 22 साल बाद उसको सीटें सौ के नीचे चली गई थीं।