हरिद्वार। पुलिस ने जनता के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत करते हुए ना सिर्फ बिल्केश्वर रोड फोरेस्ट ऑफिस के पास सड़क किनारे एक अज्ञात व्यक्ति का शव के पीछे की कहानी का खुलासा किया, बल्कि हत्या में शामिल 04 अभियुक्तों को भी गिरफ्तार कर लिया। अज्ञात शव की पहचान के लिए भटकना पुलिस के लिए पहली घटना नही पर अक्सर ये बाते भूल कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने की बात करने वाले सज्जन इस पोस्ट को बागौर पढ़ें।
पुलिस खुद बनी वादी
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला घोंट हत्या होने का जिक्र होने पर कोतवाली नगर हरिद्वार मे तैनात मनोज शर्मा द्वारा हत्या और सबूत मिटाने के सम्बन्ध में मुकदमा दर्ज कराया था।
टीम वर्क से पहचाना मृतक भी और हत्यारे भी
मृतक अंकित की हत्या के बाद उसके शव को लावारिस दिखाते हुए पुलिस को भटकाने के लिए काफी दिमाग लगाया गया था। मुकदमे की विवेचना कर रहे ैैप् नन्दकिशोर ग्वाडी को सर से लेकर पूछ तक की पूरी कहानी को जानना था। ऐसे में अनुभवी कोतवाल अमरजीत सिंह और युवा जोश से भरे प्रशिक्षु न्च्ै अंकित कण्डारी और अन्य पुलिस कर्मियों का सहयोग मिला तो सारी घटना परत दर परत खुल कर सामने आयी।
विक्रम के रस्ते हत्यारों के कॉलर तक पहुंचे पुलिस के हाथ
शव मिलने से पहले घटनास्थल पर ऑटो ;विक्रमद्ध की चहलकदमी कोतवाली पुलिस की नजरों में अखर रही थी। इसी वजह से पुलिस ने ऑटो की तलाश मे चहलकदमी शुरु की और मुखबिर की सूचना पर पहुंची हत्या मे शामिल अरुण कुमार के पास जो 07 माह से कबीर गेस्ट हाउस मे बतौर मैनेजर काम कर रहा था।
मृदु व्यवहार देख अभियुक्त ने खोले राज
मित्र पुलिस के सौम्य व्यवहार एवं आदर.सत्कार से प्रभावित होकर अभियुक्त अरुण कुमार ने तुरंत ही होटल संचालक द्वारा पैसों के लालच मे हत्या करने और फिर होटल स्टॉफ द्वारा मृतक अंकित के शव को लावारिस बनाने के लिए किए गये सारे कर्मकांड का चिट्ठा खोला।
निशानदेही पर दबोचे 03 अभियुक्त
अभियुक्त अरुण कुमार के साथ कॉपरेटिव बातों के चलते पुलिस टीम ने मामले मे सम्मिलित 03 अभियुक्तों को कोतवाली क्षेत्र के एक होटल से गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी के दौरान सपोर्टिव व्यवहार ना होने के चलते पुलिस को हल्का सा आवश्यक बल प्रयोग करना पड़ा।
शेष 01 आरोपी की गिरफ्तारी के लिए जुटी पुलिस टीम
घटना मे सम्मिलित फरार होटल संचालक की गिरफ्तारी के लिए कोतवाली हरिद्वार पुलिस विभिन्न संभावित जगहों पर दबिश दे रही है।