हरियाणा चुनाव : केजरीवाल की रिहाई से इस पार्टी की जीत पक्की

kejariwal
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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला केस में सीबीआई की तरफ से दर्ज मुकदमे में जमानत मिल गई है। सवाल ये है कि हरियाणा चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल की रिहाई कैसे हो गई। केजरीवाल की रिहाई से किसे सबसे अधिक फायदा मिलेगा। आइए जानते है।

दरअसल हरियाणा में चुनाव शुरू हो गए हैं। अब वहां प्रचार भी तेज हो जाएंगे। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की रिहाई ने बड़े प्रश्न खड़े कर दिए हैं। हरियाणा मंे चुनाव घोषित होने से पहले यह तय माना जा रहा था कि कांग्रेस और आप में सीटों को लेकर समझौता हो जाएगा। कांग्रेस के युवराज भी यही चाहते थे, लेकिन हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता हुड्डा नहीं चाहते थे कि आप से कांग्रेस का समझौता हो। इतना ही हुड्डा कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को भी यह यकीन दिलाने में कामयाब हो गए कि हरियाणा में इस बार हर हालत में कांग्रेस की सरकार बन रही है। ऐसे में आप से समझौता उसके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

इसके बाद कांग्रेस ने सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए। उधर समझौता न होने की स्थिति में आप ने भी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए। आप को यह उम्मीद है कि पंजाब वाला करिश्मा आप हरियाणा में भी दोहरा सकती है। इस बीच केजरीवाल की रिहाई से हरियाणा के आप नेताओं और कार्यकर्ताओं को हौसला दोगुना हो गया। अब सवाल यह उठता है कि यदि आप मजबूती से चुनाव लड़ी तो इसमें किसका नुकसान हो सकता है।

जानकारों की माने तो आप कांग्रेस का अधिक नुकसान कर सकती है। ऐसे भाजपा के लिए केजरीवाल किसी वरदान से कम साबित नहीं होंगे। दस सालों हरियाणा पर राज कर रही भाजपा इसे अपने फायदे के रूप में देख रही है। ये तो चुनाव के बाद ही पता चल पाएगा कि चुनावी उंट किस करवट बैठता है।

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