शामली। भारतीय समाज की यही विशेषता है कि वह जानवरों के प्रति भी असीम प्रेम रखते हैं। अपने पालतू कुत्ते को लेकर दुलार करते हैं, लेकिन जब आवारा कुत्तों की बात आती है तो उसे घर के पास भी नहीं फटकने देते हैं। यहां कुछ इससे अलग हुआ। लोगों ने एक आवारा कुत्ते के मरने के बाद न केवल उसका अंतिम संस्कार किया, बल्कि हवन यज्ञ करके उसकी तेरहवीं भी मनाई। जिसमें लोगांे को भोज दिया गया ।
शहर के माजरा रोड नई बस्ती में लोगों ने कुत्ते की तेरहवीं मनाई। यह कुत्ता 12 साल से मोहल्ले में रह रहा था और लोग उसे लल्लू के नाम से पुकारते थे। कुत्ते की तीन दिन पहले मौत हो गई थी।
जन्म के बाद से ही उेसी नस्ल का कुत्ता मोहल्ले में ही रहता था। वह सभी के घर पर आता जाता था और गली में चुपचाप बैठा रहता था। मोहल्लेवासियों का कहना है कि उसने कभी किसी को काटा नहीं था। सभी लोग उसे दुलार करते थे और सभी उसे खाना खिलाते थे। जब कभी लल्लू को उदास देखते थे तो उसकी देखभाल करते थे।
तीन दिन पहले बीमारी के चलते उसकी मौत हो गई। लोगों ने उसके शव का अंतिम संस्कार किया। बुधवार को उसकी तेरहवीं विधि विधान के साथ की गई। इस दौरान हवन का आयोजन किया गया और भोज की व्यवस्था की गई।