लखनऊ से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए विजिलेंस टीम ने राज्य कर विभाग के डिप्टी कमिश्नर धनेंद्र पांडेय को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
मिली जानकारी के अनुसार, डिप्टी कमिश्नर धनेंद्र पांडेय ने एक कंपनी के 20 लाख रुपये के जीएसटी रिफंड को मंजूरी देने के बदले दो लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। कंपनी के प्रतिनिधि ने इस भ्रष्टाचार की शिकायत विजिलेंस हेल्पलाइन पर की थी, जिसके बाद विजिलेंस टीम ने मामले की जांच शुरू की।
विजिलेंस टीम ने योजना बनाकर आरोपी अधिकारी को ट्रैप किया और जैसे ही उसने रिश्वत की रकम स्वीकार की, टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। गिरफ्तार करने के बाद विजिलेंस अधिकारियों ने धनेंद्र पांडेय से पूछताछ की और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस कार्रवाई से सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश गया है। विजिलेंस विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत की मांग करता है तो तुरंत विजिलेंस हेल्पलाइन पर शिकायत करें।
राज्य कर विभाग के इस घोटाले ने सरकार और प्रशासन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि इस मामले में आगे और कौन-कौन से अधिकारी जांच के दायरे में आते हैं।

