सहारनपुर में बड़ा हादसा, बॉयलर फटने से दो मजदूरों की मौत, पांच घायल

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सहारनपुर । शेखपुरा कदीम क्षेत्र में सोमवार रात उस समय हड़कंप मच गया, जब टायर से तेल निकालने वाली एक फैक्टरी में बॉयलर ब्लास्ट हो गया। इस भीषण हादसे में दो मजदूरों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि पांच अन्य गंभीर रूप से झुलस गए। धमाके के बाद फैक्टरी में अफरा-तफरी मच गई और आसपास के इलाकों में धुएं का गुबार फैल गया।

जानकारी के अनुसार, फैक्टरी में टायरों से क्रूड ऑयल निकालने का काम चल रहा था। इसी दौरान अचानक बॉयलर में जोरदार विस्फोट हुआ और देखते ही देखते आग की लपटें पूरी फैक्टरी में फैल गईं। हादसा इतना भयानक था कि मजदूरों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि धमाके की आवाज एक किलोमीटर दूर तक सुनी गई और लोग दहशत में अपने घरों से बाहर निकल आए।

घटना की सूचना मिलते ही एसपी सिटी समेत पुलिस और दमकल विभाग की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। दमकल की दो गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाने का प्रयास किया और फंसे लोगों को बाहर निकाला। घायलों को तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।

बताया जा रहा है कि यह फैक्टरी ब्रिजेश प्रजापति के नाम से संचालित हो रही थी और इसका उद्घाटन अभी महज छह दिन पहले छोटी दिवाली के अवसर पर किया गया था। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि फैक्टरी शुरू होने के साथ ही सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जा रही थी। ग्रामीणों के अनुसार, मशीनों से तेज आवाजें और धुआं निकलने की शिकायतें पहले भी की गई थीं, लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया।

हादसे के बाद प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। यह पता लगाया जा रहा है कि बॉयलर ब्लास्ट का कारण तकनीकी खराबी थी या फिर लापरवाही। पुलिस मृतकों की पहचान कराने और उनके परिजनों से संपर्क स्थापित करने में जुटी है।

इस घटना ने एक बार फिर औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा मानकों को लेकर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की फैक्ट्रियों को संचालित करने से पहले सभी सुरक्षा उपकरणों की जांच अनिवार्य होनी चाहिए। स्थानीय लोगों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे ना दोहराए जाएं।

प्रशासन और जांच एजेंसियों की निगाहें अब इस बात पर टिक गई हैं कि आखिर एक नई फैक्टरी में ऐसा बड़ा हादसा कैसे हो गया। फिलहाल पूरा क्षेत्र शोक और सदमे में है, जबकि घायलों के परिजनों की आंखें अस्पताल के दरवाजे पर लगातार उम्मीद के साथ टिकी हुई हैं।

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