मेरठ। उधम सिंह पर पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई कर दी। उसे जेल में भी तामिल कराया गया है। पुलिस ने बताया कि उधम सिंह शातिर अपराधी है और वह जेल से छूटने के बाद से लगातार अपने गिरोह के सदस्यों के साथ मीटिंग कर रहा था।
सरूरपुर के करनावल निवासी कुख्यात उधमसिंह दस साल बाद जेल से एक महीने पहले छूटा था। वह
सिर्फ 12 दिन ही जेल से बाहर रहा। इसमें उसने अपना रूप दिखा दिया भाजपा में शामिल होने का कार्यक्रम भी घर पर रखा था, लेकिन उससे पहले बखेड़ा हो गया। उधमसिंह ने बैंक के कर्मचारियों को बुलाकर धमकाया और 3-3 लाख रुपये का लोन 30 लोगों को देने का दबाव बनाया।
बैंक मैनेजर गौरव राजपूत की तहरीर पर सरूरपुर थाने में उधमसिंह पर रंगदारी का मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद पुलिस ने उधम सिंह को पकड़ा और फिर उसे जेल भेजा गया। उधम सिंह मेरठ जेल में बंद है। रासुका में निरुद्ध करने के बाद अब उधम को दूरदराज जेल में शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। बताया गया है कि उधम के 42 शूटरों को पुलिस ने चिह्नित कर लिया था। इसके बाद से लगातार पुलिस उसके शूटरों को तलाश में लगी है। उधम को पूर्वांचल की जेल में शिफ्ट किया जाएगा।
रासुका के तहत कार्रवाई की तैयारी में लगी थी। शुक्रवार को उधम सिंह पर रासुका की कार्रवाई की गई है। डीएम के.बालाजी ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके बाद वह रासुका में निरुद्ध हो गया। इसे जेल में तामिल कराया गया।