
गाजियाबाद। वाणिज्य कर विभाग ने पान मसाला बनाने वाली के पान फ्रेंग्नेंस प्राइवेट लिमिटेड पर 445.76 करोड़ का टैक्स और अर्थदंड लगाया है। अधिकारियों ने बताया कि बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र स्थित कंपनी के खिलाफ वर्ष 2019 में एसआईबी जांच हुई थी। जांच पूरी होने के बाद कंपनी के सालाना टर्नओवर से कई गुना अधिक बिक्री मिली। इसके अलावा ई-वे बिल संबंधी अनियमितताएं भी सामने आईं।
एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-1 विजय कुमार मिश्रा ने बताया कि के-पान फ्रेंग्नेंस कमला पसंद और राजश्री के लिए उत्पादन करती है। जुलाई 2019 में मुख्यालय के निर्देश पर विशेष अनुसंधान शाखा (एसआईबी) ने कंपनी पर छापा मारा। इस दौरान कंपनी से उत्पादन और बिक्री के रिकॉर्ड अधिकारियों ने सील किए थे। इनमें कंप्यूटर, लैपटॉप, बिल बुक, ई-वे बिल सहित अन्य दस्तावेज सील कर जांच शुरू की गई।
जांच के बाद पता लगा कि कंपनी में उत्पादन के मुकाबले कम बिक्री को दर्शाया गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017-18 में कंपनी का सालाना उत्पादन 538.32 करोड़ मिला जबकि बिक्री 285.15 करोड़ की दिखाई गई थी। जांच में सामने आया कि 253.16 करोड़ की बिक्री भी अतिरिक्त की गई है। इसके आधार पर सप्ताह भर पहले जांच के आधार पर 222.88 करोड़ का टैक्स और इतना ही 222.88 अर्थदंड कंपनी पर लगाकर आदेश तामील कराए हैं।
पांच दिन लगातार चली थी जांच
जुलाई में वाणिज्य कर विभाग की एसआईबी ने बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र में पांच दिन लगातार जांच की थी। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान कंपनी में मशीनों, बिजली का मीटर और जेनरेटर का एमआरआई भी किया गया। इसके अलावा 19 जुलाई से लेकर 25 जुलाई तक अधिकारियों ने कंपनी के उत्पादन और बिक्री पर नजर रखी। ई-वे बिल में भी कई तरह की अनियमितताएं मिलीं।
हाईकोर्ट में चला गया था मामला
2019 में जांच होने के बाद कंपनी इस मामले में हाईकोर्ट चली गई थी। अधिकारियों ने कहा कि हाईकोर्ट के निर्देशानुसार कंपनी के मालिकों को जांच संबंधी दस्तावेज उपलब्ध कराए गए, लेकिन बावजूद इसके कंपनी ने अपना स्पष्टीकरण नहीं दिया।