मेरठ। सदर बाजार थाने के हेड कांस्टेबल मनमोहन सिंह को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। मामले में इंस्पेक्टर बिजेंद्र सिंह राणा का नाम भी सामने आया है। इसके बाद इंस्पेक्टर हाईकोर्ट जाने का मेसेज विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप पर डालकर एसएसआई को चार्ज देकर लापता हो गए। दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसके बाद देर रात एसएसपी ने दोनों को निलंबित कर दिया।
बता दें कि 15 अगस्त को ही उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक कार्यालय की ओर से इस इंस्पेक्टर को पुरस्कृत किया गया था। ट्रक चोरी के फर्जी मुक़दमे को लेकर यह कार्रवाही की गई है।
सदर बाजार थाने में चार फरवरी 2021 को ट्रक चोरी का फर्जी मुकदमा दर्ज हुआ था। तीन लाख रुपये लेकर टीपी नगर थाने के दरोगा कामिल ने सदर थाने में साठगांठ कर मुकदमा लिखवाया था। बीमा कंपनी
की शिकायत पर एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने मुकदमे की जांच इंस्पेक्टर सदर से कराई। पुलिस ने ट्रक मालिक इमरान व ड्राइवर अब्दुल सलाम निवासी गाजियाबाद को पकड़ा। पूछताछ में दोनों ने झूठा
मुकदमा लिखाने की बात मान ली। ट्रक
दूसरे राज्य में चल रहा है।
मंगलवार शाम चार बजे एसएसपी को सूचना मिली कि ट्रक के फर्जी मुकदमे के मामले में सदर इंस्पेक्टर ने चार लाख की रिश्वत ली है। 50 हजार रुपये और लेने के लिए वकार, मुजफ्फरनगर को हेड कांस्टेबल
मनमोहन बार-बार बुला रहा है। एसएसपी ने एसपी सिटी के नेतृत्व में टीम गठित की, जिसने मनमोहन को रिश्वत लेते दबोच लिया।