बिजनौर। पंचायत सचिवालय मॉडल से गांवों की तस्वीर बदलने की तैयारी है। शासन ने मॉडल के क्रियान्वयन को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रशासन ने जिले की 1123 पंचायतों में अमल की तैयारी शुरू कर दी है। प्रथम चरण में पंचायत सहायक तैनात किए जा रहे हैं। शासन ने नियुक्ति प्रक्रिया में प्रधान, सदस्यों व सचिव को बड़ा झटका दिया है।
लोकतंत्र की पहली सीढ़ी ग्राम पंचायत है। पंचायतों को सशक्त बनाने की मांग लगातार उठती रही है। पिछली सरकारों में भी सचिवालय मॉडल पर खूब चर्चा हुई। परंतु जमीन पर कुछ नहीं दिखाई पड़ा। अब शासन ने पंचायत सचिवालय का खाका तैयार करके गांवों की तस्वीर बदलने की पहल की है। जिले में 1123 ग्राम पंचायत हैं। डीपीआरओ सतीश कुमार ने बताया कि पंचायत सचिवालय मॉडल सभी पंचायतों में लागू होगा। इस पर काम शुरू हो गया है। प्रथम चरण में पंचायतों में पंचायत सहायक रखे जाएंगे। सहायक पंचायत का हिसाब किताब रखने के लिए एकाउंटेंट का काम करेंगे। विभिन्न विभागों का पंचायत स्तर पर डाटा फीडिंग करेंगे। पंचायत सहायक रखने की प्रक्रिया 30 जुलाई से शुरू
पंचायत सचिवालय में ये मिलेंगी सुविधाएं
अब तक ग्रामीणों को जन्म मृत्यु आदि प्रमाण पत्र बनवाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे। परंतु पंचायत सचिवालय व्यवस्था में ग्राम स्तर की सभी सुविधाएं एक छत के नीचे मिलेंगी। सचिवालय में सभी विभागों के जैसे पंचायत सचिव, रोजगार सेवक, आंगनबाड़ी, महिला कल्याण, बाल पुष्टाहार, एएनएम, लेखपाल आदि कर्मचारी मौजूद रहेंगे। पंचायत सचिवालय सीसीटीवी कैमरों से लैस रहेंगे। जिला व सूबे से सचिवालय को लिंक किया जाएगा। जिससे विकास योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत पर निगाह रहे।
पंचायत सचिवालय में आधुनिक तकनीक से जुड़ेंगे
शासन की पंचायत सचिवालयों को आधुनिक तकनीक से लैस करने की योजना है। डीपीआरओ दफ्तर के अनुसार पंचायत सचिवालय में कंप्यूटर रहेगा। पंचायत सहायक सभी विभागों के दैनिक कार्यों का डाटा फीडिंग करेगा। सचिवालय में हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन रहेगा। पंचायत सचिवालय की स्थापना के लिए पंचायत को पौने दो लाख रुपये दिए जाएंगे।
पंचायत सहायक की नियुक्ति में नहीं होगी मनमानी
डीपीआरओ सतीश कुमार ने बताया कि 30 जुलाई से पंचायत सहायक की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हैं। सभी 1123 पंचायतों में पंचायत सहायक रखें जाएंगे। पंचायत सहायक की नियुक्ति में किसी की मनमानी नहीं चलेगी। शासन से नियुक्त की प्रक्रिया तय है। आदेश पंचायतों को भेज दिए हैं। प्रधान, ग्राम सदस्य, तथा पंचायत सचिव का रिश्तेदार पंचायत सहायक नहीं रखा जाएगा। जिस श्रेणी का प्रधान है, उसी श्रेणी का पंचायत सहायक होगा। अर्थात यदि प्रधान बीसी है तो पंचायत सहायक भी बीसी होगा।