तहरुश गेमिया, एक ऐसा वहशी अरबी खेल जो महिलाओं के खिलाफ सबसे घृणित अपराध है

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तहरुश गेमिया मे अरबी दरिंदों के बड़े समूह अपने मजे के लिए किसी असहाय अकेली लड़की को चारो तरफ से घेरते हैं और फिर उसका यौन उत्पीड़न करते हैं। दरिंदों का यह समूह महिलाओं के चारों ओर घेरा बनाते है, भीड़ के साथ महिलाओं को घसीटते हैं, उनके कपड़े फाड़ते हैं और उन पर शारीरिक हमला करते हैं। यह घेरा त्रिस्तरीय होता है जिसमे पुरुषों का अंदर का पहला घेरा महिलाओं पर हमला करने वाला होता है, जबकि बीच के घेरे मे लोग हल्ला मचाते हुए अपनी बारी का इंतजार करते हैं। एक और बाहरी सर्कल अन्य लोगों का इस अपराध से ध्यान हटाने की कोशिश करता है।

पाकिस्तान के लाहौर में एक लड़की के साथ यही सब किया गया…दुनिया का ध्यान इस वहशी खेल पर 2011 मे पहली बार तब गया जब काहिरा की तहरीर चौक पर सीबीएस न्यूज़ की संवाददाता लारा लोगान पर तब हमला हुआ जब वो लाइव रिपोर्टिंग कर रही थी।

अरब वर्ल्ड मे मचे उथल पुथल ने बाद जैसे जैसे यूरोप में अरब शरणार्थियों की संख्या बढ़ती गई वैसे वैसे इन देशों में भी ये खेल खेला जाने लगा। 2016 में जर्मनी के कोलोन से अरब पुरुषों की भीड़ द्वारा महिलाओं पर हमले की पहली घटनाएं सामने आईं। नए साल की पूर्व संध्या पर हजारों महिलाओं के साथ हुई दुष्कर्म की घटना को अधिकारियों द्वारा दबाने की पूरी कोशिश की गई थी।

पर अब ऐसा लगता है कि सरकारों को एहसास हो गया है कि उनके देश मे शरण चाहने वाले शरणार्थियों की भीड़ द्वारा यूरोप मे एक घिनौना खेल लाया जा चुका है। ब्रिटेन, स्वीडन और दूसरे अन्य देशों मे ऐसी घटनाएं आम होती जा रही हैं।

सिर्फ यूरोपीय देश ही नही भारत भी इस दरिंदगी का शिकार हो चुका है। बंगलोर मे 2017 के नए साल के जश्न मनाते साठ हजार युवक यूवतियों की भीड़ मे घुस आए दरिंदों ने बेखौफ सैकड़ों लड़कियों को निशाना बनाया। बंगलोर पुलिस का कहना है कि उनके पास इस बात के विश्वसनीय सबूत हैं कि नए साल की पूर्व संध्या पर व्यापक यौन हमले हुए।

इस तरह की घटनाओं का सबसे दुखद पक्ष ये है कि पुलिस चाह कर भी कुछ नही करती। एक तो यौन हमलावरों की संख्या इतनी ज्यादा होती है कि पुलिस खुद बेबस हो जाती है, दूसरे पीड़ित लड़कियों को भी अपराधियों की पहचान मे दिक्कत आती है।

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