
टेस्ला के सह-संस्थापक और पूर्व सीटीओ जेबी स्ट्रॉबेल की कंपनी रेडवुड मैटेरियल्स ने एक नया व्यवसाय शुरू किया है, जिसमें पुरानी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) डेटा सेंटरों को बिजली देने के लिए पुनः उपयोग में लाया जा रहा है। इससे न सिर्फ एआई इंफ्रास्ट्रक्चर की बढ़ती बिजली मांग पूरी होगी, बल्कि पुरानी बैटरियों का जीवन भी बढ़ेगा।
रेडवुड मैटेरियल्स ने अपनी नई इकाई ‘रेडवुड एनर्जी’ के तहत नेवादा के हाई डेजर्ट में एक माइक्रोग्रिड सिस्टम तैनात किया है। यह सिस्टम 805 पुरानी ईवी बैटरियों से बना है, जो एआई इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी क्रूसो के 2,000-जीपीयू डेटा सेंटर को बिजली दे रहा है। इस प्रोजेक्ट में 12 मेगावाट बिजली उत्पादन और 63 मेगावाट-घंटे की स्टोरेज क्षमता है, जो इसे दुनिया का सबसे बड़ा सेकंड-लाइफ बैटरी डिप्लॉयमेंट और उत्तरी अमेरिका का सबसे बड़ा ऑफ-ग्रिड डेटा सेंटर बनाता है।
बाजार के अवसर और चुनौतियां
एआई की ऊर्जा मांग में तेजी से वृद्धि और पुरानी ईवी बैटरियों की बढ़ती आपूर्ति ने इस तरह के प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा दिया है। ज्यादातर ईवी बैटरी पैक जब वाहन से रिटायर होते हैं, तब भी उनमें 50% से 80% तक मूल क्षमता बची होती है, जिससे वे स्थिर ऊर्जा भंडारण के लिए उपयुक्त होते हैं।
रेडवुड मैटेरियल्स के प्रमुख निवेशक बैली गिफर्ड के निवेश प्रबंधक क्रिस एव्डेमॉन ने कहा, “हम इस नए व्यवसाय को लेकर उत्साहित हैं। इस प्रोजेक्ट का समय बिल्कुल सही है और यह शुरुआत से ही नकदी उत्पन्न करने वाला व्यवसाय हो सकता है।”
डेटा सेंटरों की बढ़ती बिजली खपत
डेलोइट के अनुमानों के अनुसार, 2025 में डेटा सेंटरों द्वारा विश्व स्तर पर 536 टेरावाट-घंटे बिजली की खपत होने की उम्मीद है, जो दुनिया की कुल बिजली खपत का लगभग 2% है। वहीं, एआई संचालन अकेले 2026 तक डेटा सेंटरों की महत्वपूर्ण बिजली खपत का 40% से अधिक हिस्सा ले सकता है। एआई डेटा सेंटरों की वार्षिक खपत 2026 तक 90 टेरावाट-घंटे तक पहुंचने का अनुमान है।
इस प्रकार, रेडवुड मैटेरियल्स का यह कदम न सिर्फ ऊर्जा के सतत उपयोग को बढ़ावा देगा, बल्कि एआई और डेटा सेंटर उद्योग के लिए भी एक नया मॉडल पेश करेगा।