
नई दिल्ली l 2 अगस्त 2027 की तारीख खगोल विज्ञान प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए एक ऐतिहासिक दिन के रूप में दर्ज होने जा रही है। इस दिन धरती पर एक ऐसा पूर्ण सूर्यग्रहण (Total Solar Eclipse) घटित होगा, जो बीते 100 वर्षों में सबसे लंबा माना जा रहा है। इस खगोलीय घटना के दौरान कुछ क्षेत्रों में दोपहर के समय ही रात जैसा अंधकार छा जाएगा।
यह पूर्ण सूर्यग्रहण लगभग 6 मिनट 23 सेकंड तक रहेगा, जो कि सामान्य सूर्यग्रहणों की तुलना में कहीं अधिक लंबा समय है। इसे “सदी का सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण” कहा जा रहा है। इस दौरान सूर्य पूरी तरह चंद्रमा के पीछे छिप जाएगा और केवल सूर्य की कोरोना (Corona) ही दिखाई देगी — एक अविश्वसनीय और मनमोहक खगोलीय अनुभव।
कहां दिखाई देगा यह सूर्यग्रहण?
यह अद्वितीय खगोलीय दृश्य उत्तरी अफ्रीका, मध्य पूर्व, और दक्षिणी यूरोप के कई देशों में साफ तौर पर दिखाई देगा। मिस्र का ऐतिहासिक शहर लक्सर (Luxor) इस ग्रहण का केंद्रबिंदु बनने जा रहा है, जहां इसे पूरी अवधि तक स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा। इसके अलावा सऊदी अरब, यमन, सूडान, लीबिया, ट्यूनिशिया, स्पेन और पुर्तगाल के कुछ हिस्सों में भी यह खगोलीय नजारा नजर आएगा।
क्यों है यह सूर्यग्रहण खास?
- यह सूर्यग्रहण 1919 के बाद सबसे लंबा पूर्ण सूर्यग्रहण होगा।
- सूर्य और चंद्रमा की स्थिति इस दिन ऐसी होगी कि चंद्रमा पूरी तरह सूर्य को ढक लेगा।
- वैज्ञानिकों के लिए यह घटना सौर कोरोना, सौर वायुमंडल और धरती के पर्यावरणीय प्रभावों का अध्ययन करने का सुनहरा अवसर होगी।
देखने के लिए सावधानी ज़रूरी
सूर्यग्रहण को बिना सुरक्षात्मक चश्मे या फिल्टर के देखना आंखों के लिए हानिकारक हो सकता है। विशेषज्ञों की सलाह है कि ग्रहण को देखने के लिए केवल सर्टिफाइड सोलर ग्लासेस या पिनहोल प्रोजेक्टर का ही उपयोग करें।