अफगानिस्तान में तालिबानी शासन आने के बाद से पाकिस्तान कुछ ज्यादा ही सक्रिय हो गया है और सरकार के हर फैसले में दखल दे रहा है। इसका साफ मतलब है कि तालिबान का रिमोट पाकिस्तान अपने हाथ में रखना चाहता है। लेकिन इस बीच सूत्रों के हवाले से एक बड़ी खबर यह आ रही है कि अफगानिस्तान में नियंत्रण को लेकर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद के बीच मतभेद गहराते जा रहे हैं।
दरअसल पिछले कई सालों से तालिबान के नेताओं की देखभाल की जिम्मेदारी पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई संभालता आया है। इतना ही नहीं आईएसआई अफगानिस्तान में अमेरिका के खिलाफ ऑपरेशन चलाने में भी तालिबान की मदद करता आया है। ऐसे में जब अफगानिस्तान में अब तालिबान की सरकार बनी है तो पाक सेना प्रमुख अब उनके फैसले में अपना दखल देना चाहते हैं, जो कि आईएसआई चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को नागवार गुजर रहा है। वह नहीं चाहते कि तालिबानी शासन का क्रेडिट किसी भी तरह से बाजवा को मिले। इसके अलावा तालिबान के नेताओं के साथ आईएसआई के काफी घनिष्ठ और करीबी संबंध हैं।
हक्कानी ग्रुप समेत सभी अन्य गुटों में इनकी गहरी पैठ है। सूत्रों का मानना है कि आईएसआई ने अफगानिस्तान में अपने कई गुप्तचर सिपहसालार के तौर पर बैठा रखे हैं। तालिबान के ज्यादातर गुट और उनके नेताओं ने पेशावर और क्वेटा में आईएसआई के संरक्षण में अमेरिका के साथ लड़ाई लड़ी थी। इसलिए आईएसआई प्रमुख अब किसी भी तरह से अफगानिस्तान पर नियंत्रण को अपने हाथों से नहीं जाने देना चाहते हैं।