
सहारनपुर। गौतमबुद्धनगर की जेल में 17 साल से बंद पाकिस्तानी जासूस इकबाल भट्टी उर्फ देवराज सहगल की सजा पूरी हो गई है। जासूस ने सहारनपुर में रहकर जन्म प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेज बनवाए थे और कंप्यूटर सेंटर भी चलाया था। सजा पूरी होने के बाद गौतमबुद्धनगर जेल प्रशासन की रिपोर्ट पर एसएसपी सहारनपुर ने गृह मंत्रालय को पत्र भेजा है। जासूस को कैसे डिपोर्ट किया जाए गृह मंत्रालय पाकिस्तानी दूतावास से संपर्क कर इस प्रक्रिया को पूरी करेगा।
दरअसल, साल 2008 में पंजाब पुलिस ने इकबाल भट्टी उर्फ देवराज सहगल को पटियाला से गिरफ्तार किया था। वह मूलरूप से पाकिस्तान के कसुर जिले का रहने वाला था। आरोप था कि वह पाकिस्तानी जासूस है, जिसके पास से सेना के जुड़े कुछ स्थानों के नक्शे भी थे। जांच में आया था कि वह नाम बदलकर करीब डेढ़ साल तक सहारनपुर के हकीकतनगर में भी रहा है, जो यहां पर कंप्यूटर सेंटर भी चलाता था।
खाता खुलवाने से लेकर राशन कार्ड और पैन कार्ड भी यही पर बने थे। मामले का पता चलते ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य प्रबंधक की तरफ से सदर बाजार थाने में 6 नवंबर 2008 में केस दर्ज कराया गया। आरोप था कि इकबाल भट्टी ने फर्जी नाम और पते से कागजात तैयार कराकर बैंक में खाता खुलवाया था। पंजाब पुलिस ने भी अपने स्तर पर वहां कई संगीन धाराओं में केस दर्ज कराया। सहारनपुर की अदालत ने सजा सुनाई थी, जिसके बाद सहारनपुर जेल की बजाय गौतमबुद्धनगर जेल में भेज दिया गया था।
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पाकिस्तानी जासूस फिलहाल गौतमबुद्धनगर जेल में बंद है, जिसकी सजा पिछले माह पूरी हो गई है। गृह मंत्रालय को पत्र भेजा गया है, जिससे उसे जेल से बाहर निकालकर आगे की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
– रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी सहारनपुर