मेरठ। दबथुवा गांव में मेरठ करनाल हाईवे चौड़ीकरण के लिए होने वाले भूमि अधिग्रहण का विवाद मंगलवार को निपट गया। ग्रामीण अधिग्रहण का विरोध कर रहे थे। एसडीएम ने अभिलेखों के आधार पर अपनी देखरेख में भूमि की पैमाइश कराई। 24 मीटर भूमि गांव में सरकार की निकली जिसका अधिग्रहण करने पर ग्रामीणों ने सहमति जताई। विवाद निपटने पर प्रशासन ने राहत की सांस ली।
बता दें कि इस समय मेरठ करनाल हाईवे पर चौड़ीकरण का कार्य चल रहा है। दबथुवा गांव में चौड़ीकरण की जद में काफी मकान और दुकानें आनी हैं। इसका ग्रामीण विरोध कर रहे थे। उनके विरोध के चलते कार्य अधर में लटका हुआ था। एनएचएआई के अधिकारी सरकारी भूमि को अधिग्रहण करने की बात कर रहे थे, जबकि ग्रामीण इससे संतुष्ट नहीं थे। एसडीएम अमित भारतीय तहसील टीम के साथ अभिलेख और नक्शा नजरी लेकर मौके पर पहुंचे।
उन्होंने ग्रामीणों को भी वहां बुलाया। नक्शा नजरी के आधार पर एसडीएम ने अपनी देख रखे में भूमि की पैमाइश कराई जिसमें गांव के अंदर सड़क किनारे लगभग 24 मीटर भूमि सरकारी निकली। वहां निशान भी लगाए गए। पैमाइश के बाद ग्रामीण सरकार की 24 मीटर भूमि का अधिग्रहण करने पर सहमत हो गए।
एसडीएम ने कहा कि यदि 24 मीटर से अधिक भूमि का अधिग्रहण होता है तो उसका सरकार द्वारा मुआवजा दिलाया जाएगा। पैमाइश के बाद यह मामला निपट गया जिसके बाद सभी ने राहत की सांस ली। इस मौके पर भाजपा नेता अनिल चौधरी, तेजवीर प्रधान, राजकुमार गुप्ता, सचिन पंघाल, वेदप्रकाश, सचिन गुप्ता, डब्बल शर्मा, मानसिंह, मुंशी, सुंदर कश्यप आदि रहे।