लखनऊ। जल निगम भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपी एवं पूर्व सपा सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खां की जमानत अर्जी को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश मनोज पांडे ने खारिज कर दिया है। आजम खान वर्तमान समय में जिला कारागार सीतापुर में निरुद्ध हैं। जेल में रहने के दौरान एसआईटी ने इस मामले में आठ लोगों के विरुद्ध विशेष अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया था।
आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के लिए अदालत ने बी वारंट जारी कर आजम खान को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से तलब किया था। विशेष अदालत ने गत 15 जुलाई को आजम खान एवं गिरीश चंद श्रीवास्तव के विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम के आरोपों के अलावा धोखा घड़ी, कूट रचना एवं साक्ष्य मिटाने के साथ-साथ षड्यंत्र के आरोपों का संज्ञान लिया था। जबकि चार्जशीट के आरोपी कुलदीप सिंह नेगी, रोमन फर्नांडीस, अजय कुमार यादव, संतोष कुमार रस्तोगी, विश्वजीत सिंह एवं नीरज मलिक के विरुद्ध धोखाधड़ी, कूट रचना, षड्यंत्र एवं सबूत नष्ट करने के साथ-साथ आईटी एक्ट की धारा 66 के आरोपों का संज्ञान लिया था। घटनाक्रम के अनुसार 25 अप्रैल 2018 को इस मामले की रिपोर्ट इंस्पेक्टर अटल बिहारी ने लखनऊ में एसआईटी थाने पर दर्ज कराई थी।
इस मामले की विवेचना एसआईटी द्वारा पूर्ण किए जाने के उपरांत जल निगम के पूर्व अध्यक्ष आजम खान समेत अन्य आरोपियों के विरुद्ध अदालत में दाखिल किया गया। इन सभी आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने अपने मनचाहे लोगों का चयन कराने के लिए एक साजिश एवं षड्यंत्र के तहत संस्था मैसर्स एप्टेक लिमिटेड का चयन किया।
आरोप यह भी है कि एप्टेक लिमिटेड एवं उत्तर प्रदेश जल निगम के बीच संपन्न अनुबंध का भी उल्लंघन कर भारी हेराफेरी की गई है। अदालत ने मामले को गंभीर पाते हुए कहा कि आरोपी आजम खान को जमानत पर रिहा किए जाने का कोई आधार नहीं बनता है।