इस नौकरी से अच्छा तो पिज़्ज़ा बेचकर कमा लूंगा, यह कहकर युवक ने दे दिया इस्तीफा

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लखनऊ। ग्राम पंचायत सहायक बनने के लिए एक ओर जहां लोग सिफारिशें लगा रहे हैं, वहीं कानपुर जिले के कल्याणपुर और पतारा की एक-एक ग्राम पंचायत में चयनित युवाओं ने नियुक्ति पत्र मिलने से पहले ही इस्तीफा दे दिया। इसके पीछे तर्क दिया कि पिज्जा बेचना कंप्यूटर ऑपरेटर बनने से ज्यादा फायदेमंद है। हालांकि विभाग ने इस्तीफे स्वीकार नहीं किए हैं।

कल्याणपुर की होरा बांगर ग्राम पंचायत निवासी कमलेश पुत्र सियाराम ने सहायक भर्ती के लिए आवेदन किया था। दो अन्य युवाओं ने भी दावेदारी की थी। सचिव संजय मिश्रा के मुताबिक कमलेश कुमार अंकों के आधार पर तीनों आवेदकों में तीसरे नंबर पर थे। इनकी मां सियादेवी की मृत्यु कोरोना से हुई थी। शासनादेश के मुताबिक कोविड से मृत व्यक्ति के परिजनों को वरीयता देने की बाध्यता के चलते इन्हें पहले स्थान पर रखा गया। श्रेष्ठता सूची में पहला स्थान हासिल करने के चलते उनका चयन किया गया लेकिन अब वह नौकरी नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने 7 सितंबर को शपथ पत्र के साथ इस्तीफा दे दिया।

उनका कहना है कि उनका पिज्जा का आउटलेट है, इसलिए नौकरी नहीं करना चाहते हैं। पिज्जा बेचकर कम समय में ज्यादा पैसा कमाया जा सकता है। नौकरी में ज्यादा पैसा और कम तनख्वाह, इसके साथ ही ज्यादा समय भी देना पड़ेगा।पतारा की कंठीपुर ग्राम पंचायत निवासी अजीत की पत्नी निधि वर्मा ने भी पंचायत सहायक के लिए आवेदन किया था। शैक्षिक योग्यता के आधार पर आधा दर्जन से ज्यादा दावेदारों को पछाड़ते हुए वह वरीयता सूची में पहला स्थान हासिल करने में कामयाब रहीं।

निधि ने भी नौकरी करने से इनकार कर दिया है। उन्होंने 16 सितंबर को शपथ पत्र के साथ इस्तीफा दे दिया है। इसकी वजह पारिवारिक समस्या बताई है। निधि के मुताबिक उनका 14 माह का बेटा है और सास की भी तबीयत ठीक नहीं रहती है, ऐसे में वह नौकरी की जगह बेटे और घर का ध्यान रखना चाहती हैं।

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