मेरठ। फर्जी तरीके से बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाते हुए 16.64 करोड़ रुपये के गबन के मामले में वस्तु एवं सेवा कर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) की मेरठ जोनल इकाई ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
डीजीजीआई के उपनिदेशक ने बताया कि मैसर्स पोद्दार इस्पात प्राइवेट लिमिटेड, कोटद्वार के निदेशक आस मोहम्मद और प्रबंधक विभु ग्रोवर को गिरफ्तार किया गया है। गिरानी के डर से दोनों आरोपी काफी समय से फरार थे।
उन्होंने बताया कि विशिष्ट इनपुट पर डेटा आधारित विश्लेषण करके डीजीजीआई मेरठ जोनल यूनिट के अधिकारियों ने एक साथ विभिन्न स्थानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया। इसमें फर्मे फ़र्जी मिलीं। वे अस्तित्व में नहीं थीं।
सर्च ऑपरेशन के दौरान अफसरों ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट से जुड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया। जांच में सामने आया कि मैसर्स पोद्दार इस्पात प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बिना माल की आवाजाही के ही फर्जी बिलों के माध्यम से लाभ लिया गया।
आरोपियों ने मेरठ जोनल यूनिट के अधिकारियों के समक्ष पेश होकर 26 फ़र्जी फर्मों द्वारा 16.64 करोड़ रुपये के बोगस इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ उठाने को स्वीकार किया। ये फर्में सिर्फ इसी काम के लिए बनाई गई थीं। इनसे माल का कोई भी लेनदेन नहीं हुआ था। करोड़ों रुपये के गबन से सरकारी खजाने को बड़ी क्षति हुई ।
दोनों आरोपियों को मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। उन्होंने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वहीं, कर चोरी के अन्य बड़े मामलों की आशंका के मद्देनजर जांच का दायरा बढ़ाया गया है। जांच टीमों का मानना कि फर्जी फर्मों के सहारे गोलमाल के मामले और भी सामने आ सकते हैं। इनकी जांच की जा रही है।