पहले खादी के लिए छोडी थी खाकी… अब भी मन भटका तो कथावाचक बन गए पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय

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लखनऊ। भारतीय पुलिस सेवा (IPS) से वीआरएस लेने के बाद कुछ दिन उन्होंने राजनीति में दांव-पेच दिखाए । अब वह पूरी तरह से अध्यात्म के रंग में रंगे नजर आ रहे हैं। हम बात कर रहे हैं बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की।

कथा वाचक बनने के बाद इन दिनों कान्हा की नगरी में माथे पर चंदन लगाए और गले में मालाएं पहनकर वह नए रूप में दिख रहे हैं।व्यास पीठ पर बैठकर वह लोगों को श्रीमद्भागवत कथा का रसपान करा रहे हैं। वृंदावन में 7 दिवसीय भागवत कथा का शुभारंभ सावन में वैसे तो कान्हा की नगरी में विभिन्न धार्मिक आयोजन चलते रहते हैं, लेकिन बिहार के पूर्व डीजीपी के कथा वाचक बनने और उनकी पहली 7 दिवसीय भागवत कथा को लेकर लोगों में भी खासी चर्चा है।

बता दें कि वृंदावन के चैतन्य विहार स्थित पाराशर अध्यात्म पीठ में रविवार को कथावाचक बन चुके गुप्तेश्वर पांडेय ने अपनी पहली भागवत कथा शुरू कर दी। 7 दिवसीय इस श्रीमद्भागवत कथा आयोजन का शुभारंभ रविवार को यहां पहुंचे केंद्रीय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे ने किया।

केंद्रीय मंत्री ने व्यास पीठ पर बैठे कथा वाचक गुप्तेश्वर पांडेय का तिलक किया और कथा का शुभारंभ हुआ। एक साल तक भागवत का विधिवत अध्ययन दरअसल राजनीति में जाने की लालसा लिए डीजीपी पद से वीआरएस लेने वाले गुप्तेश्वर पांडेय को जब राजनीति में सफलता हासिल नहीं हुई तो उन्होंने अध्यात्म का रास्ता चुना।

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