मेरठ। ड्रग विभाग की ओर से जनवरी से जुलाई तक लिए गए 58 नमूनों की रिपोर्ट आई है। इनमें से दो सैनिटइजर और आठ एंटीबायोटिक दवाओं के नमूने फेल हो गए।
ड्रग्स इंस्पेक्टर पवन शाक्य ने बताया कि लखनऊ औषधि प्रशासन के पास आई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। सैनिटाइजर में अल्कोहल की मात्रा कम निकली है। एंटीबायोटिक में भी रेपर पर दवाओं की जो मात्रा लिखी गई थी वह नहीं निकली है।
इससे पहले भी कंकरखेड़ा में पकड़ी गई फैक्टरी में बन रहा सैनिटाइजर लैब में हुई जांच में भी नकली निकला था।
डॉ. अनिल नौसरान का कहना है कि कम गुणवत्ता वाले सैनिटाइजर का इस्तेमाल बेहद खतरनाक है, क्योंकि लोगों को भ्रम रहता है कि वे असली सैनिटाइजर इस्तेमाल कर रहे हैं। वे कोरोना की चपेट में आसानी से आ सकते हैं।