मुजफ्फरनगर । तीन कृषि कानूनों के विरोध में आज मुजफ्फरनगर के जीआईसी मैदान में किसान अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। स्थानीय किसानों के अलावा हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और अन्य राज्यों के किसानों के आने का सिलसिला शनिवार देर रात तक जारी रहा। वहीं प्रशासन ने भी सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं। माना जा रहा है किसानों की यह पचायत 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों की दिशा तय करेगी।
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले होने वाली इस पंचायत को ऐतिहासिक बनाने की पूरी तैयारी है । महापंचायत में देशभर के 300 से ज्यादा सक्रिय संगठनों के शामिल होने की संभावना है। जिनमें करीब 60 किसान संगठन होंगे और अन्य कर्मचारी, मजदूर, छात्र, शिक्षक, रिटायर्ड अधिकारी, सामाजिक, महिला आदि संगठन शामिल रहेंगे। किसानों के 40 संगठन अग्रणी भूमिका में रहेंगे, जबकि 20 संगठन पूरा सहयोग करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की मुजफ्फरनगर में होने वाली महापंचायत पर सरकार से लेकर विपक्षी दलों तक की नजर है। मोर्चा के सदस्यों को लगता है कि इस महापंचायत से कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को नई दिशा मिलेगी।
इसमें यूपी के बाद सबसे ज्यादा पंजाबाए हरियाणाए उत्तराखंड व राजस्थान से किसान शामिल होंगे। इसके लिए संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल वहां के किसान नेताओं ने पूरी व्यवस्था कर दी है। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों के अनुसार पंजाब व हरियाणा के किसान संगठनों के नेताओं ने अपने साथ हजारों की संख्या में किसानों को लेकर आने का लक्ष्य तय किया है। यूपी के बाहर से आने वाले किसान संगठनों के नेता व किसान चार सितंबर की शाम तक मुजफ्फरनगर पहुंच जाएंगेए जिससे उनको महापंचायत के दिन किसी तरह की परेशानी नहीं हो।
हरियाणा से आएंगे किसान
हरियाणा के सभी किसान संगठनों से जुड़े किसान बड़ी संख्या में महापंचायत में शामिल होने जाएंगे। इस महापंचायत से सरकार को दिखाया जाएगा कि किसान कृषि कानून रदद कराकर ही धरनों से अपने घर जाएगा। . गुरनाम सिंह चढूनीए सदस्य संयुक्त किसान मोर्चा
सभी वर्ग होंगे शामिल
22 राज्यों के प्रतिनिधियों से सहमति मिली है और 300 से ज्यादा किसान व अन्य संगठन के लोग शामिल होंगे। पंजाब से 100 संगठन रहेंगेए जिनमें 40 किसान व अन्य मजदूरए कर्मचारीए छात्र आदि संगठन है। . जगजीत सिंह दल्लेवालए सदस्य संयुक्त किसान मोर्चा।
सभी खापों का समर्थन
हरियाणा की सभी खाप किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है। खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने से लेकर अन्य व्यवस्थाएं भी खाप कर रही है। हमारे यहां भी गांवों में महापंचायत में जाने के लिए मुनादी कराई गई है। . हवा सिंह आंतिलए प्रधान आंतिल चौबीसी।