14 जिलों में 19 माह में फुंक गए 135 करोड़ के 90,470 ट्रांसफार्मर, ऊर्जा निगम के छूटे पसीने

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बागपत। आपको जानकार हैरानी होगी कि 19 माह के अंदर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के 14 जिलों में 90,470 ट्रांसफार्मर फुंक गए। इनमें सबसे अधिक ट्रांसफार्मर बुलंदशहर में 13,088, बिजनौर में 8,389 ट्रांसफार्मर फुंके हैं।

मात्र 19 माह में 135 करोड़ रुपये के विद्युत ट्रांसफार्मर फुंकने से ऊर्जा निगम सकते में हैं। ट्रांसफार्मर फुंकने के मामले में पश्चिमांचल के बुलंदशहर व बिजनौर जनपद सबसे ऊपर हैं, जबकि गाजियाबाद में सबसे कम विद्युत ट्रांसफार्मर फुंके हैं। उधर, लगातार विद्युत ट्रांसफार्मर फुंकने से ऊर्जा निगम के अफसरों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच गई है।

पश्चिमांचल में मेरठ, सहारनपुर व मुरादाबाद मंडल आता है। जिनमें कुल 14 जनपद है। जानकार हैरानी होगी कि 19 माह में ही इन सभी जनपद में 90,470 विद्युत ट्रांसफार्मर फुंक गए। जिसमें सबसे अधिक विद्युत ट्रांसफार्मर बुलंदशहर में 13,088, बिजनौर में 8,389 ट्रांसफार्मर फुंके हैं। वहीं सबसे कम विद्युत ट्रांसफार्मर गाजियाबाद में मात्र 2726 फुंके हैं। ऊर्जा निगम के अफसरों के अनुसार इन विद्युत ट्रांसफार्मरों की रिपेयर कराने में ही विभाग के 1,35,70,50,000 रुपये खर्च हो गए।

एक ट्रांसफार्मर रिपेयर में 15 हजार खर्च
दिल्ली-सहारनपुर हाईवे स्थित सीटीआर वर्कशाप पर तैनात एसडीओ प्रवेश गिरि के अनुसार एक विद्युत ट्रांसफार्मर फुंकने के बाद विभाग का फुंके विद्युत ट्रांसफार्मर को रिपेयर करने में औसतन लगभग 15 हजार रुपये खर्च होते है।

इन वजह से फुंकते हैं ट्रांसफार्मर
एसई वर्कशाप अजय कुमार के अनुसार सबसे ज्यादा विद्युत ट्रांसफार्मर ओवर लोडिंग के चलते फुंकते हैं। उसके बाद ट्रांसफार्मर की अर्थिंग न कराना व एलटी लाइन खराब होना या विद्युत तारों के आपस में उलझ जाने से खराब होते हैं।

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