
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में हिंसा थमती नजर नहीं आ रही है। बीरभूमि जिले में हुई 10 लोगों की हत्या का मामला अभी खत्म भी नहीं हुआ कि एक और वारदात ने पुलिस और प्रशासन को हिला कर रख दिया। नया मामला नादिया जिले का है। यहां टीएमसी नेता सहदेव मंडल की बुधवार देर रात गोलियां बरसाकर हत्या कर दी। दूसरी तरफ टीएमसी की ही एक महिला पार्षद को कार से रौंदने की कोशिश की गई। अब पुलिस को आशंका है कि कहीं बीरभूमि जैसी घटना नादिया में भी न हो जाए।
नादिया में टीएमसी नेता सहदेव मंडल बुधवार रात सड़क पर लहूलुहान पड़े मिले। मौके पर जुटे लोगों ने उन्हें बगुला के स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचाया। वहां हालत बिगड़ने पर उन्हें कृष्णानगर अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। सहदेव की पत्नी अनीमा मंडल बगुला की पंचायत सदस्य है।
बताते चले कि बीरभूमि में भी हिंसा की शुरुआत टीएमसी के एक पंचायत नेता की हत्या से ही हुई थी। रामपुरहाट में टीएमसी नेता भादू शेख की हत्या कर दी गई थी। 21 मार्च को पूरे जिले में हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में 10 लोगों को जिंदा जला दिया गया है। हालांकि बीरभूमि की हिंसा को कलकत्ता हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है।
उधर, सीएम ममता बनर्जी ने इस हिंसा को लेकर घिरने पर यूपी, राजस्थान, मप्र जैसे राज्यों में भी ऐसी हिंसा होने की आड़ लेकर बचने की कोशिश की। वहीं बंगाल सरकार ने बीरभूमि हिंसा की जांच के लिए विशेष जांच दल बनाया है। इसका प्रमुख एडीजी सीआईडी ज्ञानवंत सिंह को बनाया गया है। बीरभूमि हिंसा मामले में अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उधर, कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर हिंसाग्रस्त रामपुरहाट में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। 23 मार्च को हाईकोर्ट ने क्षेत्र में कैमरे लगाने व 24 घंटे निगरानी रखने का निर्देश दिया था। इसी तरह पुलिस को डर है कहीं नादिया में भी बीरभूमि जैसी हिंसा हुई तो क्या होगा। इसलिए वहां सारे जरूरी ऐहतियात बरते जा रहे हैं। वही दूसरी तरफ तारकेश्वर में महिला पार्षद रूपा सरकार को कार से कुचलने की कोशिश की गई। उनको गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पश्चिम बंगाल में पिछले महीने नगर निकायों के चुनाव हुए थे। इसके बाद से लगातार राजनीतिक हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं।