बुलंदशहर के अरविंद को बेशक पदक नहीं मिला, लेकिन विश्व रैंकिंग में पहुंच कर रच दिया इतिहास

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बुलंदशहर। टोक्यो ओलंपिक में रोइंग स्पर्धा में अरविंद सोलंकी की जोड़ी भले ही पदक से चूक गई। लेकिन, सेमीफाइनल तक अरविंद की जोड़ी ने पहुंचने में जो सफलता हासिल की है वो इतिहास में दर्ज हो गया। अंतरराष्ट्रीय कैनोइंग खिलाड़ी शांति स्वरूप ने बताया कि अरविंद की जोड़ी ने देश और जिले के लिए बड़ी उपलब्धि दी है। आज तक विश्व रैंकिंग तक इंडिया की कोई भी जोड़ी नहीं पहुंच सकी है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर सतीश यादव पहले मुकाबले के लिए मैदान में उतरेंगे।
खुर्जा क्षेत्र के छोटे से गांव खबरा का नाम बुधवार को इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। खबरा निवासी किसान परिवार में जन्में अरविंद सोलंकी और उनके राजस्थान के साथी अर्जुनलाल जाट का टोक्यो ओलंपिक के फाइनल में जाने के लिए स्पर्धा आयोजित हुई। पहले राउंड के बाद दूसरे राउंड में मिली बढ़त से सभी को अरविंद की जोड़ी से पदक की आस बढ़ गई थी, लेकिन फाइनल में पहुंचने से अरविंद सोलंकी की जोड़ी चूक गई। हालांकि, दोनों की जोड़ी ओलंपिक में पहली बार प्रतिभाग कर सेमीफाइनल तक पहुंची। अब तक के प्रदर्शन से उनकी जोड़ी ने देश के लिए इतिहास रचा है जो किसी पदक से कम भी नहीं है।

विश्व रैंकिंग के लिए स्पर्धा में उतरेगी अरविंद की जोड़ी
अंतरराष्ट्रीय कैनोइंग खिलाड़ी शांति स्वरूप ने बताया कि दुनियाभर के खिलाड़ियों के बीच अरविंद और अर्जुनलाल का प्रदर्शन शानदार रहा। दोनों और मेहनत करेंगे और आगामी ओलंपिक के लिए मजबूती के साथ वापसी करेंगे। इंडिया की यह पहली जोड़ी है जो सेमीफाइनल तक पहुंची है। ओलंपिक में अब तक हुई तीनों स्पर्धा में अरविंद की जोड़ी ने काफी प्रयास किया। अब विश्व रैंकिंग में छाने के लिए अरविंद की जोड़ी एक बार और स्पर्धा में उतरेगी। उम्मीद है विश्व रैंकिंग स्पर्धा में काफी सुधार देखने को मिलेगा। इसके बाद कामनवेल्थ होने हैं, जिसमें इन्हें इसका फायदा मिलेगा।
बॉक्सिंग में आज सतीश का पहला मुकाबला
सिकंदराबाद क्षेत्र के गांव पचौता निवासी अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर सतीश यादव टोक्यो ओलंपिक में बृहस्पतिवार को पहला मुकाबला खेलेंगे। जनपदवासियों को अब स्पर्धा में बचे जिले के एकमात्र खिलाड़ी से पदक की उम्मीद लगी हुई हैं। हालांकि वह इस पदक के मजबूत दावेदार भी हैं। अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर सतीश यादव ओलंपिक में पहली बार 29 जुलाई को मुक्केबाजी की सुपर हैवीवेट कैटेगरी में 91 किग्रा से अधिक भार वर्ग में पदक की दावेदारी के लिए उतरेंगे। इससे पूर्व सतीश यादव कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का परचम लहरा चुके है।
2014 में इचिओन एशियन गेम्स में कांस्य पदक, 2015 में बैंकाक में हुई एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक, 2018 कामनवेल्थ गेम्स में रजत पदक और 2019 में बैंकाक में हुई एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीत चुके हैं। हाल ही में चोट लगने के कारण जर्मनी में हुए कोलोगन बॉक्सिंग वर्ल्डकप में गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए और मैच न होने के कारण सिल्वर मेडल प्राप्त किया।

अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हैं सतीश यादव
देश विदेश में बॉक्सिंग प्रतियोगिता में पदक जीतकर देश का मान बढ़ाने और विदेशी धरती पर तिरंगा फहराने पर बॉक्सर सतीश यादव को भारत सरकार ने अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया। वर्ष 2018 में कॉमन वेल्थ खेलों में सिल्वर मेडल जीतने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया था।

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